भारत में निजी क्षेत्र
(Private Sector in India)
निजी क्षेत्र का अर्थ (meaning of Private Sector)
निजी क्षेत्र से आशय अर्थव्यवस्था के उस क्षेत्र से है जिसमें उत्पादन के साधनों पर निजी व्यक्तियों या कंपनियों का स्वामित्व होता है । निजी क्षेत्र केवल व्यक्तिगत हितों में संवर्धन एवं लाभ प्राप्ति के उद्देश्य से ही काम करता है ।
निजी क्षेत्र की विशेषताएं (Characteristics of Private Sector)
1. निजी संपत्ति का अधिकार (Right of Private Property)
2. प्रतिस्पर्धा (Competition)
3. आर्थिक स्वतंत्रता (Economic Freedom)
4. लाभ का उद्देश्य (Profit Motives)
5. कीमत तंत्र (Price Mechanism)
6. राज्य का हस्तक्षेप (State Interference)
निजी क्षेत्र का महत्व (Importance of Private Sector)
1. साधनों का सर्वोत्तम प्रयोग (Optimum Utilisation of Resources)
2. व्यवसायियों को प्रेरणा (Motivation to Businessmen)
3. तकनीकी प्रगति (Technological Progress)
4. योग्यता के अनुसार प्रतिफल (Reward According to Ability)
5. लोचशीलता (Flexibility)
6. आर्थिक विकास में योगदान (Contribution in Economic development)
7. सरकार का कम उत्तरदायित्व (Less Responsibility of Government)
भारत में निजी क्षेत्र (Private Sector in India)
भारत में निजी क्षेत्र देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । साधारण अर्थों में कहा जाय तो निजी क्षेत्र सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि, रोजगार सृजन और नवाचार में महत्वपूर्ण योगदान देता है। इसमें ऐसे व्यवसाय शामिल हैं जिनका स्वामित्व, प्रबंधन और संचालन सरकार के बजाय व्यक्तियों या निगमों द्वारा किया जाता है ।
निजी क्षेत्र की प्रमुख कंपनियां :- रिलायंस , टाटा, पतंजलि, विप्रो, फिजिक्स वल्लाह etc.
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