शून्य आधार बजट किसे कहते हैं ? (Zero Base Budgeting)

शून्य आधार बजट किसे कहते हैं ?
 (Zero Base Budgeting)

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 (Zero Base Budgeting)


शून्य आधार बजट का अर्थ (Meaning of Zero Base Budgeting)


शून्य आधार बजट एक नवीन तकनीक है । जिसका प्रयोग सर्वप्रथम 1962 में अमेरिका में किया गया था । अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिम्मी कार्टर ने इसका प्रयोग राज्यों के व्ययों को नियंत्रित करने के लिए किया था जब ये जॉर्जिया राज्य के गवर्नर थे ।
शून्य आधार बजट एक ऐसा बजट हैं जिसके निर्माण में आधार शून्य माना जाता है । अर्थात जब इस बजट का निर्माण होता है तो प्रत्येक वर्ष को नए वर्ष के रूप में माना जाता है तथा गत वर्ष की जानकारियों को छोड़ दिया जाता है । अर्थात् गत वर्ष की जानकारियों को आधार नहीं माना जाता । 

जिस संस्था के द्वारा शून्य आधार बजट का निर्माण किया जाता है उसके द्वारा वर्तमान वर्ष के बजट का मूल्यांकन वर्तमान वर्ष की परिस्थिति को ध्यान में रखकर ही किया जाता है ।  इसी आधार पर भविष्यकालीन गतिविधियों का अनुमान भी लगाया जाता है । 


इसके अलावा जितने में बजट होते हैं उन सभी बजटों में गत वर्ष के बजट को आधार माना जाता है जिसके आधार पर भविष्य के लिए बजट का निर्माण किया जाता है । जब इस तरह से गत वर्ष के बजट का अध्ययन करके नवीन बजट का निर्माण किया जाता है तो पिछले बजट में रह गई कमियों का अवलोकन किया जाता है । जिन कमियों को अगले बजट में दूर करने का प्रयास किया जाता है । लेकिन शून्य आधार बजट में पिछले वर्ष के बजट की किसी जानकारी को नए बजट में यानी शून्य आधारित बजट में नहीं लिया जाता ।

शून्य आधार बजट की परिभाषा (Definition of Zero Base Budgeting in Hindi) 


पीटर ए. पायहर के अनुसार :- शून्य आधार बजटन ऐसी नियोजन एवं बजटन प्रक्रिया है जिसमें यह अपेक्षा की जाती है कि प्रत्येक प्रबंधक को शून्य आधार से अपनी सम्पूर्ण बजट मांग को विस्तारपूर्वक न्यायसंगत ठहराना पड़ता है एवं वह मांग किए गए धन को क्यों व्यय करेगा, इसके कारण को भी सिद्ध करने का भर प्रत्येक प्रबंधक पर डाला दिया जाता है ।  इस दृष्टिकोण से कि सभी क्रियाएं निर्णय संकुलों में विश्लेषित की जाती हैं जिनका व्यवस्थित विश्लेषण द्वारा मूल्यांकन किया जाता है तथा उन्हें महत्व के अनुसार क्रमबद्ध किया जाता है । 

शून्य आधार बजट के लाभ (Advantages of Zero base Budgeting)


शून्य आधार बजट के अनुसार निम्न लाभों को समझा जा सकता है :- 

1. शून्य आधार बजट से प्रबंध की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है । इसके माध्यम से केवल उन्हीं क्रियाओं को अपनाया जाता है जो व्यवसाय के लिए आवश्यक होती हैं ।
2. शून्य आधार बजट से आर्थिक एवं व्यय क्षेत्रों को पहचानने में मदद मिलती है । इसके आधार पर आर्थिक क्षेत्रों को छांटकर भविष्यकालीन किया कलापों का निर्धारण किया जाता है । 
3. यह बजट विभिन्न क्रियाओं की प्राथमिकता के निर्धारण तथा उन्हें लागू करने में सहायक होता है ।
4. शून्य आधार बजट उन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त होता है जिनका उत्पाद, उत्पादन से संबंधित नहीं हो । इस विधि से व्यवसाय की प्रत्येक क्रिया की उपयुक्तता के निर्धारण में भी सहायता मिलती है । 
5. शून्य आधार बजट व्यवसाय के लक्ष्यों से भी संबंधित होता है । केवल ही क्रियाएं स्वीकार की जाती हैं जिनसे संस्था के लाभों को प्राप्त किया जा सकता है । 

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