पूंजी संपत्तियों के प्रकार
(Kinds of Capital Assets)
भारतीय आयकर अधिनियम के अनुसार पूंजी संपत्तियों को निम्न दो भागों में बांटा गया है :-
1. अल्पकालीन पूंजी संपत्ति (Short term Capital Assets)
2. दीर्घकालीन पूंजी संपत्ति (Long term Capital Assets)
इन उपर्युक्त दो प्रकार की संपत्तियों के आधार पर पूंजी लाभ भी दो प्रकार के होते हैं :-
1. अल्पकालीन पूंजी लाभ (Short term Capital Gain) :- अल्पकालीन संपत्ति के हस्तांतरण से प्राप्त लाभ को अल्पकालीन पूंजी लाभ कहते हैं ।
2. दीर्घकालीन पूंजी लाभ (Long term Capital Gain) :- दीर्घकालीन संपत्ति के हस्तांतरण से प्राप्त लाभ को दीर्घकालीन पूंजी लाभ कहते हैं ।
अल्पकालीन पूंजी संपत्ति एवं अल्पकालीन पूंजी लाभ (Short term Capital Assets and Short term Capital Gain)
अल्पकालीन पूंजी संपत्ति का निर्धारण निम्न विशिष्ट संपत्तियों के करदाता धारण अवधि के अनुसार किया जाता है :-
1. (i) प्रतिभूति (यूनिट्स के अतिरिक्त) मान्यता प्राप्त शेयर बाजार में सूचीबद्ध - एक महीने से कम अवधि
(ii) यू. टी. आई. एवं अंश आधारित पारस्परिक कोष की यूनिट - एक महीने से कम अवधि
(iii) जीरो कूपन बॉन्ड - एक महीने से कम अवधि
2. (i) गैर - सूचीबद्ध अंश - एक महीने से कम अवधि
(ii) अचल संपत्ति - एक महीने से कम अवधि
3. अन्य संपत्तियाँ - एक महीने से कम अवधि
दीर्घकालीन पूंजी संपत्ति एवं दीर्घकालीन पूंजी लाभ (Long term Capital Assets and Long term Capital Gain)
दीर्घकालीन पूंजी संपत्ति का निर्धारण निम्न विशिष्ट संपत्तियों के करदाता धारण अवधि के अनुसार किया जाता है :-
1. (i) प्रतिभूति (यूनिट्स के अतिरिक्त) मान्यता प्राप्त शेयर बाजार में सूचीबद्ध - 12 महीने से ज्यादा अवधि
(ii) यू. टी. आई. एवं अंश आधारित पारस्परिक कोष की यूनिट - 12 महीने से ज्यादा अवधि
(iii) जीरो कूपन बॉन्ड - 12 महीने से ज्यादा अवधि
2. (i) गैर - सूचीबद्ध अंश - 24 महीने से ज्यादा अवधि
(ii) अचल संपत्ति - 24 महीने से ज्यादा अवधि
3. अन्य संपत्तियाँ - 36 महीने से ज्यादा अवधि
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