अल्पकालीन पूँजी तथा दीर्घकालीन पूँजी में अंतर
(Difference between Short term and Long term Capital gain)
1. अर्थ :- अल्पकालीन संपत्ति के हस्तांतरण से प्राप्त लाभ को अल्पकालीन पूंजी लाभ कहते हैं । जबकि दीर्घकालीन संपत्ति के हस्तांतरण से प्राप्त लाभ को दीर्घकालीन पूंजी लाभ कहते हैं ।
2. संपत्ति धारण करने की अवधि :- सामान्यतः अल्पकालीन पूंजी लाभ में संपत्ति करदाता द्वारा अधिकतम 36 माह या 36 माह से कम (विशिष्ट मदों की दशा में अधिकतम 12 माह या 24 माह या 12 माह या 24 माह से कम) रखी जाती है । जबकि सामान्यतः दीर्घकालीन पूंजी लाभ में संपत्ति करदाता द्वारा 36 माह से अधिक (विशिष्ट मदों की दशा में 12 माह या 24 माह से अधिक) रखी जाती है ।
3. प्राप्ति एवं सुधार की लागत :- अल्पकालीन पूंजी लाभ की गणना में संपत्ति की प्राप्ति एवं सुधार दोनों की वास्तविक लागत को घटाया जाता है । जबकि दीर्घकालीन पूंजी लाभ की गणना में संपत्ति की प्राप्ति एवं सुधार दोनों की लागत की भी सूचीकांक लागत निकाली जाती है और उसे घटाया जाता है ।
4. विभिन्न धाराओं के अंतर्गत कर मुक्त पूंजी लाभ :- अल्पकालीन पूंजी लाभों में से धारा 54B, 54D, 54G एवं 54GA के अंतर्गत छूटें प्राप्त होती हैं । जबकि दीर्घकालीन पूंजी लाभों में से धारा 54, 54B, 54D, 54EC, 54EE, 54F, 54G, 54GA एवं 54GB के अंतर्गत छूटें प्राप्त होती हैं।
5. पूंजी लाभ पर आयकर :- अल्पकालीन पूंजी लाभ जो धारा 111 के अंतर्गत आता है पर अन्य आयों की तरह (यदि प्रतिभूति लेन देन कर (Security Transaction tax - STT) लागू नहीं है) आयकर की सामान्य दरों से लगाया जाता है । जबकि दीर्घकालीन पूंजी लाभ जो धारा 112 के अंतर्गत आता है ((यदि प्रतिभूति लेन देन कर (Security Transaction tax - STT) लागू नहीं है) उस पर 20% (+SC + HEC) की दर से आयकर लगाया जाता है ।
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