पूँजी लाभ की गणना (Computation of Capital Gains)

पूँजी लाभ की गणना 
(Computation of Capital Gains)

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Punji laabh ki ganana 



किसी भी संपत्ति के हस्तांतरण पर पूंजी लाभ उसी दशा में उत्पन्न होंगे जब उस संपत्ति का शुद्ध विक्रय मूल्य संपत्ति को प्राप्त करने की लागत से अधिक हो । इसके विपरित यदि संपत्ति को प्राप्त करने की लागत उसके शुद्ध विक्रय मूल्य में अधिक है तो पूंजी हानि होगी ।

शुद्ध विक्रय प्रतिफल (मूल्य) = संपत्ति का सकल विक्रय प्रतिफल (मूल्य) - संपत्ति के विक्रय के संबंध में किए गए व्यय, जैसे, दलाली, कमीशन आदि ।

अल्पकालीन पूंजी लाभ की गणना (Computation of Short - Term Capital Gain)


जब कभी अल्पकालीन पूंजी लाभ की गणना की जाती है तो निम्न दो चरणों में की जाती है । 
1. अल्पकालीन पूंजी लाभ की गणना, तथा
2. कर योग्य अल्पकालीन पूंजी लाभ की गणना 

1. अल्पकालीन पूंजी लाभ की गणना (Computation of Short Term Capital Gains) :- पूंजी लाभ शीर्षक के अन्तर्गत आय की गणना करने के लिए किसी अल्पकालीन पूंजी संपत्ति के शुद्ध विक्रय प्रतिफल में से निम्न राशियां घटाई जाती हैं । शेष बची पूंजी लाभ को अल्पकालीन पूंजी लाभ के तौर पर समझा जाता है :- 
i) संपत्ति को प्राप्त करने या क्रय करने की लागत, तथा
ii) संपत्ति में किये गये सुधार की लागत (Cost of Improvement)
iii) एक निर्दिष्ट इकाई से एक निर्दिष्ट व्यक्ति द्वारा धारा 45(4) के अंतर्गत प्राप्त किसी धन या पूंजीगत संपत्ति के मूल्य के विषय में आय के रूप में प्रभार्य राशि की एक निर्धारित तरीके से गणना ।

2. कर योग्य अल्पकालीन पूंजी लाभ की गणना (Computation of Taxable Short Term Capital Gains) :- उपर्युक्त प्रकार से गणना की गई पूंजी लाभ की रकम में से यदि करदाता धारा 54B, 54D तथा 54GA के अंतर्गत छूट पाने का अधिकारी है तो उसे भी घटा दिया जाएगा । शेष राशि कर - योग्य पूंजी लाभ की रकम होगी । 


दीर्घकालीन पूंजी लाभ की गणना (Computation of Long Term Capital Gains) 


जब कभी दीर्घकालीन पूंजी लाभ की गणना की जाती है तो निम्न दो चरणों में की जाती है । 

1. दीर्घकालीन पूंजी लाभ की गणना, तथा
2. कर योग्य दीर्घकालीन पूंजी लाभ की गणना ।

1. दीर्घकालीन पूंजी लाभ की गणना (Computation of Long Term Capital Gains) :- संपत्ति के हस्तांतरण या विक्रय से प्राप्त शुद्ध प्रतिफल में से निम्न राशियां घटाई जाती हैं । शेष राशि दीर्घकालीन पूंजी लाभ होगा :- 
i) सम्पत्ति को प्राप्त करने की सूचकांक लागत (Indexed Cost of Acquisition),
ii) सम्पत्ति में सुधार की सूचकांक लागत (Indexed Cost of Improvement)

2. कर योग्य दीर्घकालीन पूंजी लाभ की गणना (Computation of Taxable Long Term Capital Gains) :- उपर्युक्त प्रकार से गणना किए गए पूंजी लाभ की राशि में से यदि करदाता धारा 54, 54B, 54D, 54EC, 54EE, 54F, 54G, 54GA तथा 54GB के अन्तर्गत छूटों को प्राप्त करने के योग्य है तो इन्हें भी हटा दिया जाएगा । शेष राशि कर - योग्य पूंजी लाभ की रकम होगी । 


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