वास्तविक प्राप्त किराया
(Actual Rent Received)
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Actual Rent Received |
वास्तविक प्राप्त किराया को De facto rent भी कहते हैं । यह किराया मकान संपत्ति के मालिक / स्वामी को मकान किराये पर देने से प्राप्त होता है । जिस प्रकार से संयुक्त किराये की दशा में मकान के स्वामी द्वारा किरायेदार को जो सुविधाएं दी जाती हैं। उसके लिए किरायेदार मकान मालिक को उन सारी सुविधाओं के लिए कुछ धनराशि देता है । ठीक वही स्थिति इस दशा में भी है । यदि ये सुविधाएं किसी किरायनामे के अंतर्गत दी जाती हैं तो मकान मालिक द्वारा प्राप्त किराये की राशि में से इन सुविधाओं पर किया गया व्यय घटा दिया जाता है । लेकिन चौकीदार की सुविधा का मूल्य (चौकीदार का वेतन) नहीं घटाया जाता है । इसके अलावा शेष राशि वास्तविक प्राप्त किराये की होगी ।
जब कभी वास्तविक रूप से प्राप्त किराये की गणना की जाती है तो निम्न बातों का ध्यान रखा जाता है ।
1. न वसूला हुआ किराया या अप्राप्त किराया (Unrealized Rent) :- इस दशा में यह ध्यान रखा जाता है कि मकान के वास्तविक किराये में वह किराया सम्मिलित नहीं किया जाता जिसे मकान मालिक अपने किरायेदार से उस गत वर्ष (Previous Year) में वसूल नहीं कर सका है । अन्य शब्दों में, चालू गत वर्ष का न वसूल हुआ किराया सकल वार्षिक मूल्य में से घटा दिया जाएगा बशर्ते कि ऐसा न वसूल किराया घटाने से पूर्व नियम 4 की कुछ शर्तों की पूर्ति होना आवश्यक है ।
2. खाली रही अवधि का किराया (Vacancy Allowance) :- यदि मकान या मकान का कुछ भाग गत वर्ष में खाली रहा है तो इस अवधि का किराया प्राप्त वास्तविक किराये में सम्मिलित नहीं किया जाएगा ।
संयुक्त किराया (Composite Rent)।
घटाया
- (i) मकान मालिक द्वारा प्रदत्त सुविधाओं का मूल्य
- (ii) खाली रहने की अवधि का आनुपातिक किराया
वास्तविक किराया (Actual Rent Received)
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