ख्याति का मूल्यांकन क्या है ? (Valuation of Goodwill in Hindi)

ख्याति का मूल्यांकन क्या है ?
  (Valuation of Goodwill in Hindi) 

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Valuation of Goodwill in Hindi

लेखांकन में ख्याति का महत्व तभी है जबकि ख्याति का कोई मूल्य हो । जब तक ख्याति के लिए कोई राशि न दी जाती है और न ली जाती है तब इसका लेखा हो ही नहीं सकता है क्योंकि लेखे तभी होंगे जब कोई सौदा हो । ख्याति का मूल्य निर्धारित होने पर ही इसके संबंध में लेखे किए जा सकते हैं ।

जब किसी व्यवसाय को क्रय करते समय संपत्तियों के मूल्य के अतिरिक कुछ और राशि देनी पड़ती है तो इस अधिक राशि को ख्याति का मूल्य माना जाता है । जिस राशि के उपलक्ष्य में कुछ भी प्राप्त कुछ भी प्राप्त न हो फिर भी क्रेता सहर्ष उसे देने के लिए तैयार हो तो इससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि वह इस राशि को इसलिए देना चाहता है कि भविष्य में उसे साधारण लाभों से अधिक लाभ प्राप्त होने की आशा है । इसी लाभ के सहारे वह ख्याति का मूल्यांकन करता है । विक्रेता यह अनुमान लगाता है कि व्यवसाय को बेचने से भविष्य में न प्राप्त होने वाले लाभ से उसे कितनी क्षति होगी तथा व्यवसाय को बेचने से मिलने वाली राशि का प्रयोग अन्य लाभ से करने में उसे क्या लाभ होगा । इन तथ्यों को ध्यान में रखकर वह ख्याति के मूल्य का निर्धारण करता है । क्रेता व्यवसाय शुद्ध संपत्तियों का मूल्य ज्ञात करने के बाद यह अनुमान लगाता है कि भविष्य में उसे कितना अतिरिक्त लाभ प्राप्त होगा और इसके लिए जो अतिरिक्त मुख्य उससे मांगा जा रहा है वह कहां तक उचित है । यदि वह समझता है कि जो मूल्य ख्याति के लिए वह इस समय दे रहा है उसकी उपयोगिता उस समय उसके लिए लाभ से कम है जो उसे व्यापार के क्रय करने में प्राप्त होगा तो वह ख्याति की राशि को देने के लिए तैयार हो जाता है । 

ख्याति के मूल्यांकन पर प्रभाव डालने वाले तत्व या घटक (Factors affecting valuation of Goodwill)


(A) आंतरिक तथ्य (Internal Factors)
(B) बाह्य तथ्य (External Factors) 

(A) आंतरिक तथ्य (Internal Factors) 

1. ख्याति को बनाने वाले व्यय 
2. प्रबंध पर किया गया व्यय 
3. पूंजी का प्रयोग
4. पेटेंट ट्रेडमार्क का प्रयोग 
5. व्यवसाय में जोखिम
6. नाम 
7. लाभ
8. अवधि
9. नियोक्ता एवं कर्मचारी संबंध
10. अच्छी किस्म के माल का निर्माण
11. स्थान विशेष
12. गत वर्षों के लाभ
13. मुख्य व्यवसाय के अतिरिक्त अन्य आयेँ


(B) बाह्य तथ्य (External Factors) 

1. ग्राहकों का दृष्टिकोण
2. ठहराव
3. प्रतिस्पर्धा
4. साख मिलने की सुविधा
5. जनता का दृष्टिकोण
6. अमूर्त संपत्ति
7. विशेष अनुबंध 
8. राजनीतिक संरक्षण 
9. सरकारी संरक्षण 
10. हस्तानांतरण की आशा

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