ख्याति का मूल्यांकन करने की विधियाँ
(Methods of Valuation of Goodwill)
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Methods of Valuation of Goodwill |
ख्याति के मूल्यांकन की निम्न विधियां इस प्रकार से हैं :-
1. औसत लाभ विधि (Average Profit Method)
• साधारण औसत लाभ विधि (Simple Average Profit Method)
• भारित औसत लाभ विधि (Weighted Average Profit Method)
2. अधिलाभ विधि (Super Profit Method)
3. पूंजीकरण विधि (Capitalisation Method)
• औसत लाभ की पूंजीकरण विधि (Capitalisation of Average Profit Method)
• अधिलाभ की पूंजीकरण विधि (Capitalisation of Super Profits Method)
4. वार्षिकी पद्धति (Annuity Method)
विस्तार से :-
1. साधारण औसत लाभ विधि (Average Profit Method) :- ख्याति मूल्यांकन की इस विधि के अंतर्गत पिछले कुछ वर्षों के औसत लाभ को उल्लेखित ' वर्ष क्रय ' (Year's Purchase) से गुणा करके ख्याति का मूल्यांकन किया जाता है । यह विधि इस मान्यता पर आधारित है कि नया व्यापार अपने संचालन के प्रारंभिक कुछ वर्षों में संतोषजनक लाभ कमाने की स्थिति में नहीं होता है । इस कारण, कार्यरत व्यापार को खरीदने वाले व्यक्ति को उस रकम के बराबर ख्याति की राशि देनी होगी जो कि वह प्रारंभिक कुछ वर्षों में लाभ के रूप में प्राप्त कर सकता है ।
ख्याति गणना के चरण (Steps for Goodwill Calculation) :-
1. असामान्य हानियों को जोड़ते हुए तथा असामान्य प्राप्तियों को घटाते हुए प्रत्येक वर्ष का सामान्य लाभ निकालना ।
2. दिए गए वर्षों के सामान्य लाभों का योग निकालना ।
3. कुल सामान्य लाभों के योग में दिए गए वर्षों से भाग देकर औसत लाभ निकालना ।
Average Profit = Total Normal Profits / No. of Years
4. औसत लाभ को दी गई निश्चित संख्या (जैसे - दो वर्षों के क्रय के बराबर, तीन वर्षों के क्रय के बराबर आदि) से गुणा करके ख्याति की अभीष्ट राशि प्राप्त करना ।
Goodwill = Total Normal Profits / Number of Years × No of Years (for which the purchase is required)
2. भारित औसत लाभ विधि (Weighted Average Profit Method) :- यह विधि साधारण औसत लाभ विधि का संशोधित रूप है । इस विधि के अंतर्गत गुणनफल (Product) को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक वर्ष के लाभ को उससे संबंधित भार की संख्या (जैसे - 1,2,3,4,5 आदि) से गुणा किया जाता है । इसके बाद भारित औसत लाभ निकलने के लिए गुणनफलों के योग (Total of Products) में भार के योग (Total of Weight) को क्रय किए गए वर्षों की संख्या से गुणा कर दिया जाता है ।
ख्याति गणना के चरण (Steps for Goodwill Calculation) :-
1. दिए गए वर्षों के लाभ की गणना करना ।
2. दिए गए वर्षों के लाभ को 1,2,3,4,5 आदि से भार (Weight) देना ।
3. प्रत्येक वर्ष के लाभ को उसके भार से गुणा करना ।
4. भारों का योग और भारित लाभों का योग करना ।
5. निम्न प्रकार से भारित औसत लाभ (Weighted Average Profit) की गणना करना ।
Weighted average Profits = Total of Product of Profits / Total of Weight
6. औसत भारित लाभ को दिए गए वर्षों की संख्या से गुणा कर ख्याति का मूल्य निकालना
Goodwill = Total of Product of Profits / Total of Weight × Number of years for which the purchase is requiredOrGoodwill = Weighted Average Profit × Required No. of Years' Purachase
2. अधिलाभ विधि (Super Profit Method) :- अधिलाभ विधि के अनुसार ख्याति का मूल्य ज्ञात करना औसत लाभ विधि की तुलना में अधिक संतोषजनक है । साधारण भाषा में अधिलाभ का आशय उस लाभ से है जो एक व्यवसायी अपने समकक्ष दूसरे व्यवसायी द्वारा अर्जित लाभ की तुलना में अधिक प्राप्त करता है ।
अधिलाभ का आशय (Meaning of Super Profits)
यदि व्यवसाय के वास्तविक औसत लाभ फर्म के सामान्य लाभ से अधिक होते हैं तो इस आधिक्य को अधिलाभ कहा जाता है । इसे इस प्रकार से प्रकट किया जा सकता है :-
अधिलाभ = वास्तविक औसत लाभ - सामान्य लाभSuper Profits = Actual Average Profit - Normal Profits
ख्याति गणना के चरण (Steps for Goodwill Calculation) :-
1. वास्तविक / औसत लाभों की गणना करना ।
2. विनियोजित पूंजी में सामान्य प्रत्याय की दर से गुणा करके विनियोजित पूंजी पर सामान्य लाभ निकालना ।
3. वास्तविक लाभ / औसत लाभ में से सामान्य लाभ को घटाकर अधिलाभ निकालना ।
4. अधिलाभ में दिए गए वर्षों की क्रय संख्या से गुणा करके की राशि निकालना ।
Normal Profit = Capital Invested × Rate of Profit generally earned / 100Super Profit = Actual Profit - Normal ProfitGoodwill = Super Profit × No. of Years' purchase
3. पूंजीकरण विधि (Capitalisation Method) :- पूंजीकरण विधि को निम्न दो भागों में बांटा गया है ।
• औसत लाभ की पूंजीकरण विधि (Capitalisation of Average Profit Method)
• अधिलाभ की पूंजीकरण विधि (Capitalisation of Super Profits Method)
• औसत लाभ की पूंजीकरण विधि (Capitalisation of Average Profit Method) :- इस विधि में ख्याति का मूल्य प्रतिफल की सामान्य दर के आधार पर औसत लाभ के पंजीकृत मूल्य से व्यवसाय में विनियोजित वास्तविक पूंजी को घटाकर निर्धारित किया जाता है ।
ख्याति गणना के चरण (Steps for Goodwill Calculation) :-
1. पिछले कुछ वर्षों के कार्य संपादन के आधार पर औसत लाभ को निश्चित करना।
2. प्रतिफल की सामान्य दर के आधार पर औसत लाभ का पूंजीगत मूल्य निम्न प्रकार से ज्ञात करना :-
Capitalised Value of Average Profits = Average Profit × 100 / Normal Rate of Return
3. परिसंपत्तियों कुल परिसंपत्तियों (ख्याति को छोड़कर) में से बाह्य दायित्व घटाकर व्यवसाय में विनीत वास्तविक पूंजी ज्ञात करना ।
Capital Employed = Total Assets (excluding Goodwill) - Outside Liabilities
4. औसत लागू की पंजीकृत मूल्य में से निवल संपत्ति यों को घटाकर ख्याति के मूल्य की गणना करना :-
Goodwill = Capitalised Value of Average Profits - Capital Employed
• अधिलाभ की पूंजीकरण विधि (Capitalisation of Super Profits Method) :- ख्याति का निर्धारण अधिलाभों का पूंजीकरण करके सीधे ज्ञात किया जाता है । इस विधि के अंतर्गत औसत लाभों का पूंजीकरण करने की आवश्यकता नहीं है ।
ख्याति गणना के चरण (Steps for Goodwill Calculation) :-
1. फर्म की विनियोजित पूंजी ज्ञात करना । इसे कुल परिसंपत्तियों (ख्याति को छोड़कर) में से बाह्य दायित्वों को घटाकर प्राप्त किया जाता है ।
Capital Employeed = Total Assets (excluding Goodwill) - Outside Liabilities
2. विनियोजित पूंजी पर लाभ की गणना करना ।
Normal Profits = Capital Employed × Normal Rate of Return / 100
3. दिए गए गत वर्षों के औसत लाभ की गणना करना ।
4. औसत लाभ में से सामान्य लाभ की राशि को घटाकर अधिलाभ की गणना करना ।
Super Profits = Actual / Average Profits - Normal Profits
5. अधिलाभ की राशि को प्रतिफल की सामान्य दर गुणांक से गुणा करना ।
Goodwill = Super Profits × 100 / Normal Rate of Return
4. वार्षिकी पद्धति (Annuity Method) :- वार्षिकी पद्धति ख्याति मूल्यांकन की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत ख्याति का मूल्यांकन वार्षिक रूप में किया जाता है । अधिलाभ पद्धति के अनुसार ख्याति की राशि उन वर्षों में प्राप्त किए जाने की आशा होती है जिनका गुणा ख्याति निकालने के लिए अधिलाभ की राशि में किया जाता है, परंतु ख्याति की राशि पर जो क्षति ब्याज न मिलने के कारण होती है उसका प्रबंध अधिलाभ पद्धति में नहीं है ।
माना कि एक व्यवसाय करते समय ₹30,000 ख्याति के रूप में 1 जनवरी 2019 को दिए गए । इस व्यापार का अधिलाभ ₹10,000 था और तीन वर्षों के गुणा द्वारा ₹30,000 ख्याति की राशि निकाली गई थी । चूंकि 1 जनवरी , 2019 को ₹30,000 ख्याति के लिए दिए गए हैं और राशि तीन वर्षों में अर्थात 2019, 2020 और 2021 में
₹10,000 प्रतिवर्ष की दर से प्राप्त किए जाने की आशा है । यदि क्रेता की यह आशा पूरी हो जाए और 31 दिसंबर, 2021 तक उसे पूरी ख्याति की राशि वसूल हो जाय तो भी उसे एक क्षति होगी वह है ₹30,000 पर 1 जनवरी 2019 से 31 दिसंबर, 2021 तक का ब्याज ।
वार्षिक पद्धति एक ऐसी पद्धति है जिसके द्वारा उपर्युक्त वर्णित क्षति पूरी हो जाती है । इसमें वार्षिकी का वर्तमान मूल्य निम्न दो तरह से निकाला जाता है :-
1. वार्षिकी तालिका के आधार पर
2. सूत्र द्वारा निकालना
2. सूत्र द्वारा निकालना :- वार्षिकी की राशि या वार्षिकी तालिका द्वारा निकाली जाती है या नामांकित सूत्र की सहायता से निकाली जाती है :-
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