ऋणपत्रों का शोधन किसे कहते हैं ?
(Redemption of Debentures)
ऋणपत्रधारियों से लिए गए धन को ऋणपत्र निर्गमन की शर्तों के अनुसार उन्हें वापस ब्याज सहित वापस लौटाना और उनसे ऋणपत्र पुनः प्राप्त करना ऋणपत्रों का शोधन कहलाता है। अंशपत्रों के शोधन की तरह इसका भी शोधन कंपनी अधिनियम 2013 के प्रावधानों के अनुसार ही किया जाता है।
ऋणपत्रों के शोधन के स्रोत (Sources of Redemption of Debentures)
ऋणपत्रों के शोधन के लिए निम्न स्रोतों का प्रयोग किया जाता है :-
1. अंश पूँजी तथा नए ऋणपत्रों का निर्गमन (Fress Issue of Share Capital and Debentures) :- कंपनी के पास जब ऋणपत्रों के शोधन के लिए पर्याप्त धन नकद के रूप में नहीं होता या जब कंपनी अपनी कार्यशील पूँजी के स्तर को बनाये रखना चाहती है तब कंपनी के द्वारा ऋणपत्रों के शोधन के लिए नई अंश पूँजी तथा नये ऋणपत्रों का निर्गमन किया जाता है। नए अंश/ऋणपत्र का निर्गमन सममूल्य, प्रीमियम या बट्टे पर किया जाता है। इस स्थिति में ऋणपत्र शोधन संचय (Debenture Redemption Reserve) बनाने की अवश्यकता नहीं होती है।
2. संचित लाभों तथा शोधन कोष से शोधन (Redemption out of Accumulated Profits and and Sinking Fund) :- ऋणपत्र शोधन के समय वित्तीय कठिनाइयों से बचने के लिए कंपनी ऋणपत्रों के शोधन हेतु अपने वार्षिक लाभों में से कुछ राशि अपने पास रख लेती है और उसे:-
• आंतरिक वित्त व्यवस्था के अंतर्गत व्यापार में निवेशित कर देती है।
• व्यापार के बाहर विपणन योग्य प्रतिभूतियों में निवेश कर देती है।
इस निवेशित धन का प्रयोग अवश्यकतानुसार ऋणपत्रों के शोधन में किया जाता है।
3. आधिक्य निधि से शोधन (Redemption out of Surplus Profits) :- कंपनी अपनी अवश्यकतानुसार अपनी आधिक्य निधियों (संचित धन) से अपने स्वयं के ऋणपत्र खरीद सकती है।
4. परिसंपत्तियों की बिक्री से शोधन (Redemption from Realising the Assets) :- कंपनी अपनी अवश्यकतानुसार अचल संपत्तियों की बिक्री से प्राप्त राशि से ऋणपत्रों का शोधन कर सकती है। इस तरह से ऋण पत्रों के शोधन से कंपनी की ख्याति पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। जनता को लगता है कि कंपनी की वित्तीय स्थिति सही नहीं है।
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