लागत अंकेक्षण एवं प्रबंध अंकेक्षण में अंतर
(Distinction between Cost Audit and Management Audit)
1. उद्देश्य (Objects) लागत अंकेक्षण में व्यवसाय के लागत लेखों का सत्यापन किया जाता है । जबकि प्रबंध अंकेक्षण का उद्देश्य प्रबंधकीय क्षमता में वृद्धि करने से है । प्रबंध अंकेक्षण बाह्य पर्यावरण एवं कर्मचारियों के साथ अच्छा संबंध बनाने पर बल देता है ।
2. जांच (Check) :- इसमें लागत लेखांकन खातों की जांच की जाती है । जबकि प्रबंध अंकेक्षण में प्रबंधकों के क्रिया कलापों एवं संस्था के उद्देश्यों की जांच की जाती है ।
3. योग्यता (Qualification) : लागत अंकेक्षण करने के लिए एक निर्धारित योग्यता वाले जैसे चार्टर्ड एकाउंटेंट एवं लागत लेखापालों की आवश्यकता होती है । जबकि प्रबंध अंकेक्षण के लिए चार्टर्ड एकाउंटेंट का होना आवश्यक नहीं है । यदि भी ऐसा व्यक्ति जो प्रबंध एवं उसके नियंत्रण की अच्छी जानकारी रखता हो, प्रबंध अंकेक्षण कर सकता है ।
4. अनिवार्यता (Necessity):- लागत लेखांकन सभी प्रकार के व्यवसायों के लिए आवश्यक नहीं है । लागत लेखांकन के लिए उत्पादन में संलग्न व्यवसाय होने चाहिए । यह अनिवार्य एवं वैधानिक होता है । जबकि प्रबंध अंकेक्षण अनिवार्य नहीं बल्कि ऐच्छिक होता है ।
5. समय (Period) :- लागत अंकेक्षण की अवधि एक वर्ष की होती है । जबकि प्रबंध अंकेक्षण की अवधि निश्चित नहीं होती है ।
6. प्रतिवेदन (Report) :- लागत अंकेक्षण में प्रतिवेदन देने का समय निर्धारित होता है । जबकि प्रबंध अंकेक्षण में प्रतिवेदन देने का समय निर्धारित नहीं होता है ।
© ASHISH COMMERCE CLASSES
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