अर्ध या गर्भित अनुबंध किसे कहते हैं ?
(What is Quasi Contract in Hindi)
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Ardh ya Garbhit Anubandh Kise Kahte hai |
अर्ध अनुबंध का अर्थ एवं परिभाषा :- Meaning & Definition of Quasi Contract
भारतीय अनुबंध अधिनियम के अनुसार अर्ध या गर्भित प्रकृति का अनुबंध कोई अनुबंध नहीं है, क्योंकि इसमें अनुबंध बनने के सभी आवश्यक लक्षण जैसे प्रस्ताव, स्वीकृति, स्वतंत्र सहमति, प्रतिफल आदि नहीं होते । इस अनुबंध की खास बात यह है, कि यह न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय है, इसी विशेष कारण की वजह से इसे अनुबंध की श्रेणी में रखा गया है । ऐसे अनुबंधों का निर्माण स्वतः ही राजनियम के प्रभाव से हो जाता है तथा पक्षकारों के बीच सामान्य रूप से कुछ अधिकार तथा दायित्व उत्पन्न हो जाते हैं । कभी कभी ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो जाती हैं एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को कुछ प्रतिफल दूसरे व्यक्ति के द्वारा किए गए कार्य या उठाई गई हानि को देने के लिए बाध्य होता है ।
एंसन के अनुसार अर्ध अनुबंध वह अनुबंध है जिसमें विद्यमान लक्षण कुछ इस प्रकार से हैं :-
(i) यह अधिकार प्रत्येक परिस्थिति में हानि सहन करने वाले पक्ष के लाभ के लिए है ।
(ii) यह अधिकार सार्वजनिक न होकर व्यक्तिगत है ।
(iii) इसका निर्माण पक्षकारों के पारस्परिक ठहराव से नहीं बल्कि कानून द्वारा होता है ।
अर्ध अनुबंध के लक्षण (Characterstics of Quasi Contract)
1. एक पक्षकार दूसरे पक्षकार को धन देने के लिए बाध्य ।
2. यह अनुबंध पक्षकारों को कानून के द्वारा जबरदस्ती बांधता है ।
3. यह अनुबंध व्यक्ति होता है, न कि सार्वजनिक ।
4. एक पक्षकार दूसरे पक्षकार से धन प्राप्त करने का अधिकारी होता है ।
5. इस अनुबंध का अस्तित्व राजनियम या कानूनों के द्वारा इसकी प्रवर्तनीयता से है ।
अर्ध या गर्भित अनुबंधों के प्रकार (Kinds of Quasi or Implied Contract)
1. अनुबंध करने के अयोग्य व्यक्ति की आवश्यकताओं से संबंधित अर्ध अनुबंध । (Claim for necessaries supplied to person incapable of contracting) (Sec 68)
2. अपने हित के लिए किसी अन्य व्यक्ति द्वारा देय राशि का भुगतान कर देने से संबंधित गर्भित अनुबंध । (Reimbursement of Payment made by an interested person) (Sec 69)
3. शुल्क लेने की भावना से किए गए अनुबंध (Obligation to pay for the benefit enjoyed from non - gratuitous act) (Sec 70)
4. खोई हुई वस्तु पाने का दायित्व (Resposibility of Finder of Goods) (Sec 71)
5. गलती अथवा उत्पीड़न के अधीन प्राप्त धन अथवा वस्तु प्राप्त करने के अधिकार । (Liability to return money or goods received by Mistake or Under Coercion)
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