प्रतिफल किसे कहते हैं ? प्रतिफल के लक्षण
Consideration According to Contract Act
प्रतिफल का परिचय :- Introduction of Consideration in Hindi
जब कभी भी अनुबंध किया जाता है, तो उस अनुबंध में प्रतिफल अति आवश्यक होता है क्योंकि प्रतिफल के बिना कोई भी प्रस्ताव न्यायालय में प्रवर्तनीय नहीं होता । साधारण शब्दों में यह समझा जा सकता है, कि बिना प्रतिफल के कोई भी अनुबंध नहीं किया जा सकता ।
प्रतिफल का साधारण अर्थ अनुबंध करने वाले पक्षकारों में आपस के लेने देन से है, जिसके अंतर्गत एक पक्षकार दूसरे पक्षकार को उसके द्वारा दिए गए मूल्य के बदले में कुछ देता है ।
उदाहरण :- मुकेश ने मोहन का कार 2,00,00 खरीदा। जिसके लिए उसने मोहन के कार के बदले में जो 2,00,000 दिया उसको प्रतिफल कहा जायेगा ।
प्रतिफल की परिभाषा :- Definition of Consideration in Hindi
1. भारतीय अनुबंध अधिनियम की धारा 2(d) के अनुसार :- वचनदाता की इच्छा पर जब वचन गृहीता या अन्य किसी व्यक्ति के द्वारा
1. कुछ कार्य किया गया है, या
2. कुछ कार्य किया जाता है, या
3. कुछ कार्य करने का वचन दिया जाता है, तो ऐसा वचन दूसरे वचन का प्रतिफल होता है ।
2. पोलाक के अनुसार :- प्रतिफल वह कीमत है जिसके बदले दूसरे व्यक्ति का वचन खरीदा जाता है तथा इस कीमत के बदले प्राप्त वचन को प्रवर्तनीय कराया जा सकता है ।
प्रतिफल के लक्षण :- (Charactersti of Consideration)
1. प्रतिफल वचनदाता की इच्छाओं के अनुसार होना चाहिए ।
2. प्रतिफल वचनगृहीता अथवा किसी अन्य व्यक्ति की ओर से हो सकता है ।
3. प्रतिफल वापसी के वादे के रूप में हो सकता है ।
4. प्रतिफल वर्तमान, भूत या भविष्य पर भी निर्धारित हो सकता है ।
5. प्रतिफल वास्तविक होना चाहिए ।
6. प्रतिफल न्यायोचित होना चाहिए ।
7. प्रतिफल मूल्यवान होना चाहिए ।
8. प्रतिफल किसी कार्य को करने या फिर न करने के लिए भी हो सकता है ।
9. प्रत्येक अनुबंध के लिए प्रतिफल अलग अलग होना चाहिए ।
10. प्रतिफल उचित होना चाहिए ।
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