वैध अनुबंध के आवश्यक लक्षण
(Vaidh Anubandh ke aavashyak lakshan)
विभिन्न अर्थशास्त्रियों एवं न्यायाधीशों के साथ साथ भारतीय अनुबंध अधिनियम की धारा 2(H) के द्वारा दी गई परिभाषा के आधार पर एक वैध अनुबंध के आवश्यक लक्षण अपने आप उभर कर सामने आ जाते हैं, जो इस प्रकार से हो सकते हैं ।
1. प्रस्ताव एक स्वीकृति
2. ठहराव
3. दो या दो से अधिक पक्षकारों का होना
4. वैधानिक संबंध स्थापित करने की इच्छा ।
5. पक्षकारों में अनुबंध की क्षमता
6. पक्षकारों की स्वतंत्र सहमति
7. न्यायोचित प्रतिफल
8. वैधानिक उद्देश्य
9. ठहराव का स्पष्ट रूप से व्यर्थ घोषित न होना ।
10. ठहराव लिखित, प्रमाणित एवं रजिस्टर्ड होना ।
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