दायित्व के आधार पर कंपनी के प्रकार

दायित्व के आधार पर कंपनी के प्रकार
Types of Company As per Liability

Dayitva ke adhaar par company ke prakar 

2 . दायित्व के आधार पर (On the Basis of Liabilities)


दायित्व के आधार पर कंपनियां निम्न प्रकार की होती हैं |

(A) असीमित दायित्व वाली कंपनी (Unlimited Co.):- 

असीमित दायित्व वाली कंपनियों से तात्पर्य उन कंपनियों से है, जिनमें सदस्यों का दायित्व असीमित होता है |

असीमित दायित्व से तात्पर्य जोखिम उठाने की असीमित क्षमता से है | इसे इस प्रकार से समझना उचित है, कि यदि कोई कंपनी किसी भी प्रकार की वित्तीय अड़चनों में फंस जाए, तो फिर सदस्यों की संपत्ति से कंपनी के दायित्व की भरपाई होती है |

(B) सीमित दायित्व वाली कंपनी ( Limited Co. )

सीमित दायित्व वाली कंपनी से आशय उन सभी कंपनियों से है, जिनका दायित्व सीमित होता है | 
  • सीमित दायित्व वाली कंपनियों को दो भागों में वर्गीकृत किया गया है | 

(i) गारंटी के आधार पर सीमित दायित्व वाली कंपनी (Companies limited by guaranty)

गारंटी के द्वारा सीमित कंपनी से आशय उन कंपनियों से है, जिसमें कंपनी के सदस्य (Member) कोई निश्चित धनराशि (Fixed amount of money) देने की गारंटी देते हैं | 

साधारण शब्दों में समझा जा सकता है, कि जब किसी कंपनी का कोई सदस्य किसी विशेष अनिश्चित काल या फिर कंपनी के समापन के समय कंपनी को एक निश्चित धनराशि देने का वायदा करता है, तो उसे गारंटी के द्वारा सीमित कंपनी की संज्ञा दी जाती है | 

(ii) अंशों के आधार पर सीमित दायित्व वाली कंपनी (Companies limited by Shares)

अंशों के द्वारा सीमित कंपनी वह कंपनी है, जिसमें कंपनी के सदस्यों के दायित्व को कंपनी की पार्षद सीमा नियम के द्वारा उस स्तर तक सीमित किया जाता है, कि यदि किसी अंशधारी या सदस्य के द्वारा किसी अंश का कुछ रकम चुकाया नही गया है, तो किसी अनिश्चित काल में अंशधारी या सदस्य के ऊपर उसकी व्यक्तिगत संपत्ति बेचने का दायित्व नहीं आएगा |

साधारण भाषा में, यह समझा जा सकता है, कि यदि कोई कंपनी अंशों के द्वारा सीमित है, तो उस कंपनी के पार्षद सीमा नियम (MOA) में वर्णित दायित्व वाक्य (Liability Clause) के अनुसार उस कंपनी का सदस्य अनिश्चित काल में अंशों के चुक्ता न किए गए रकम को चुक्ता करने के लिए उत्तरदायी नहीं होता है, अर्थात् उसे रकम चुक्ता करने के लिए कंपनी की संपत्ति (जमीन, जायदाद) नहीं बेचनी पड़ती | 

इस तरह की कंपनियों में दो तरह की कंपनियां वर्णित हैं |

(a). निजी कंपनी (Private Company)
(b) सार्वजनिक कंपनी (Public Company)

(a). निजी कंपनी (अंशों के द्वारा सीमित कंपनी के संदर्भ में).(Private Company):- 

1. निजी कंपनी का सदस्य अपने अंशों (Shares) को किसी अन्य व्यक्ति को हस्तांतरित       (Transfer) नही कर सकता |
2. इसमें न्यूनतम और अधिकतम 200 सदस्य हो सकते हैं | 
3. निजी कंपनी किसी भी दशा में कभी भी प्रविवरण जारी करके अंश जारी नहीं कर         सकती, यह कार्य उसके लिए पूर्ण रूप से निषेध है | 

b) सार्वजनिक कंपनी (Public Company)

1. सार्वजनिक कंपनी का अंशधारी अपने अंशों को कभी भी हस्तांतरित कर सकता है | 
2. सार्वजनिक कंपनी में सदस्यों की न्यूनतम संख्या और अधिकतम सदस्यों की कोई सीमा नहीं है |
3. सार्वजनिक कंपनी केंद्र सरकार के अनुमोदन (Approval) से प्रविवरण जारी करने के उपरांत अंश जारी कर सकती है | 

सार्वजनिक कंपनी को दो भागों में बांटा जा सकता है |

1. सूचीबद्ध कंपनी (Listed Company) :- जो शेयर बाजार में सूचीबद्ध हैं | 
2. गैर सूचीबद्ध कंपनी (Unlisted Company) :- जो शेयर बाजार में सूचीबद्ध नहीं हैं |


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