निगमन के आधार पर कंपनी के प्रकार

 निगमन के आधार पर कंपनी के प्रकार 
Types of Company According to Incorporation

Nigman ke adhaar par company ke prakar


1. निगमन के आधार पर (On the Basis of Incorporation)

(A) चार्टर्ड कंपनी (Chartered Company)

चार्टर्ड कम्पनी से आशय उस कंपनी से है, जिसका निर्माण राजाज्ञानुसार राज पत्र पर लिखित नियमों के अनुसार होता है |

साधारण भाषा में समझा जा सकता है, कि यह ऐसी कंपनी है, जिसका निर्माण किसी राजा के कहने या फिर उसके फरमान पर होता है | वर्तमान समय में इस तरह की कोई भी कंपनी भारत में संचालित नहीं होती | 

उदाहरण :- ईस्ट इंडिया कम्पनी इसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण है, जिसकी स्थापना सोलहवीं शताब्दी में इंग्लैंड की महारानी के दिशानिर्देशों पर किया गया था | 


(B) विधान के द्वारा निर्मित कम्पनी (Statutary Company)

भारतीय संसद या विधान सभाओं के द्वारा भारतीय संविधान के अनुरूप निर्मित कम्पनी, विधान के द्वारा निर्मित कम्पनी कहलाती है |

साधारण शब्दों में, विधान के द्वारा निर्मित कम्पनी वह कंपनी है, जो संसद के दोनों सदनों के द्वारा पास विधेयक के द्वारा निर्मित होता है | जिस पर भारतीय संविधान तथा कंपनी अधिनियम के नियम व कानून लगते हैं |

उदाहरण :- भारतीय जीवन बीमा निगम, विधान के द्वारा निर्मित कम्पनी का ही उदाहरण है | जिसकी स्थापना भारतीय संसद के द्वारा 1 सितंबर 1956 को की गई | इसके अतिरिक्त भारतीय रिज़र्व बैंक भी विधान के द्वारा निर्मित कंपनी का ही उदाहरण है |

(C) निगमित या पंजीकृत कम्पनी (Incorporated or Registered Company)

निगमित या पंजीकृत कम्पनी से तात्पर्य उन सभी कंपनियों से है, जो या तो कम्पनी अधिनियम 1956 या फिर कंपनी अधिनियम 2013 के अंतर्गत पंजीकृत हैं |

इसमें अन्य कंपनियां जो इसके पूर्व के कंपनी अधिनियमों जैसे कंपनी अधिनियम 1882 आदि में यदि पंजीकृत होंगी, तो भी ये पंजीकृत कमोनियां कहलाएंगी |

उदाहरण :- TATA, RELIANCE


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