अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) क्या है? (What is International Monetary Fund ?)

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) क्या है?
(What is International Monetary Fund ?)

antarrashtriya mudra kosh kise kahte hai, international monetary fund hindi me, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) क्या है (What is International Moneta
International Monetary Fund


अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund - IMF) एक वैश्विक वित्तीय संगठन है, जिसकी स्थापना 27 दिसंबर 1945 को हुई थी और इसका मुख्यालय वॉशिंगटन डी.सी., अमेरिका में स्थित है। इसका उद्देश्य वैश्विक आर्थिक स्थिरता बनाए रखना, अंतरराष्ट्रीय व्यापार को प्रोत्साहित करना और आर्थिक संकट से जूझ रहे देशों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

IMF की स्थापना और उद्देश्य (Establishment and Objectives of IMF)


1. स्थापना (Establishment)

IMF की स्थापना ब्रेटन वुड्स सम्मेलन (Bretton Woods Conference) में 1944 में हुई थी, लेकिन यह 1945 में आधिकारिक रूप से अस्तित्व में आया और 1947 से इसने अपना कार्य शुरू किया। इसका गठन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद आर्थिक स्थिरता लाने और वैश्विक वित्तीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए किया गया था।

2. उद्देश्य (Objectives)

IMF का मुख्य उद्देश्य वैश्विक वित्तीय स्थिरता बनाए रखना और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग को मजबूत करना है। इसके प्रमुख उद्देश्यों में शामिल हैं:

1. विनिमय दर स्थिरता सुनिश्चित करना
2. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा देना
3. सदस्य देशों को आर्थिक संकट से उबरने के लिए ऋण देना
4. वैश्विक आर्थिक नीतियों का समन्वय करना
5. विकासशील देशों की आर्थिक नीतियों में सुधार करना


IMF के कार्य और सेवाएँ (Functions and Services of IMF)


1. आर्थिक निगरानी (Economic Surveillance)

IMF विभिन्न देशों की अर्थव्यवस्था पर नजर रखता है और उन्हें सुझाव देता है कि वे कैसे अपनी नीतियों में सुधार कर सकते हैं। यह देशों को वित्तीय संकट से बचाने के लिए सलाह भी देता है।

2. ऋण प्रदान करना (Lending)

जब कोई देश गंभीर आर्थिक संकट में होता है और उसकी मुद्रा मूल्य खोने लगती है, तो IMF उसे वित्तीय सहायता (ऋण) प्रदान करता है। IMF निम्नलिखित प्रकार के ऋण प्रदान करता है:

स्टैंड-बाय अरेंजमेंट (SBA) – छोटे और मध्यम अवधि के आर्थिक संकट के लिए।

एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) – दीर्घकालिक संरचनात्मक सुधारों के लिए।

रेपिड फाइनेंसिंग इंस्ट्रूमेंट (RFI) – आपातकालीन सहायता के लिए।


3. तकनीकी सहायता (Technical Assistance)

IMF सरकारों को वित्तीय प्रबंधन, कर नीति, राजकोषीय नीतियों, विनियामक सुधार और बैंकिंग सुधारों में मदद करता है।


IMF की सदस्यता और मतदान अधिकार (Membership and Voting Rights of IMF)

1. सदस्य देश

IMF के वर्तमान में 190 सदस्य देश हैं, जो इसकी नीतियों को तय करने में भाग लेते हैं।

मतदान प्रणाली (Voting System)


IMF में प्रत्येक देश का मतदान अधिकार उसकी कोटा प्रणाली (Quota System) पर निर्भर करता है। कोटा तय करता है कि कोई देश IMF में कितना योगदान देगा और वह कितनी सहायता प्राप्त कर सकता है।
अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी जैसे बड़े देश सबसे अधिक वोटिंग अधिकार रखते हैं।
भारत का भी IMF में महत्वपूर्ण स्थान है और यह शीर्ष 10 सबसे बड़े कोटा धारकों में शामिल है।


IMF और भारत (IMF and India)


1. भारत 1947 में IMF का सदस्य बना।
2. IMF समय-समय पर भारत को आर्थिक नीति सुधारों के लिए सुझाव देता है।
3. 1991 के आर्थिक संकट के समय भारत ने IMF से 2.2 अरब डॉलर का कर्ज लिया था।
4. IMF भारत की विकास दर, मुद्रास्फीति और अन्य आर्थिक कारकों पर नियमित रिपोर्ट जारी करता है।


IMF और विश्व अर्थव्यवस्था (India and World Economy)


IMF वैश्विक आर्थिक स्थिरता के लिए विभिन्न देशों को सलाह और वित्तीय सहायता प्रदान करता है। यह गरीब और विकासशील देशों को आर्थिक सुधारों के लिए समर्थन देता है, जिससे वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ सकें।

निष्कर्ष (Conclusion)


अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) एक महत्वपूर्ण वैश्विक वित्तीय संगठन है, जो आर्थिक संकट से निपटने और वित्तीय स्थिरता बनाए रखने में देशों की मदद करता है। यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता और नीति मार्गदर्शन प्रदान करता है।

© ASHISH COMMERCE CLASSES

THANK YOU.

Post a Comment

0 Comments

Close Menu