समानान्तर अर्थव्यव्स्था क्या है ?
(Parallel Economy in Hindi)
समानान्तर अर्थव्यव्स्था का परिचय (Introduction of Parallel Economy)
समानांतर अर्थव्यवस्था (Parallel Economy) उस आर्थिक प्रणाली को कहते हैं, जो किसी देश की औपचारिक (Formal) अर्थव्यवस्था के समानांतर चलती है, लेकिन इसे सरकार द्वारा नियंत्रित या करयोग्य (Taxable) नहीं माना जाता। इसे "छाया अर्थव्यवस्था" (Shadow Economy), "काला धन" (Black Money Economy) या "अनौपचारिक अर्थव्यवस्था" (Informal Economy) भी कहा जाता है।
इस अर्थव्यवस्था में वे सभी आर्थिक गतिविधियाँ शामिल होती हैं, जो सरकार के कर और नियामक (Regulatory) दायरे से बाहर होती हैं। इसका बड़ा हिस्सा अवैध गतिविधियों (जैसे भ्रष्टाचार, तस्करी, हवाला, नकली मुद्रा आदि) से जुड़ा होता है, लेकिन इसमें वे आर्थिक लेन-देन भी आते हैं जो औपचारिक रूप से दर्ज नहीं किए जाते, जैसे कि बिना बिल के व्यापार, अवैध संपत्ति लेन-देन, आदि।
समानांतर अर्थव्यवस्था के मुख्य स्रोत (Main Sources of Parallel Economy)
1. काला धन (Black Money) - कर चोरी, घूसखोरी, अवैध कारोबार आदि से उत्पन्न धन, जो सरकार को ज्ञात नहीं होता।
2. हवाला लेन-देन (Hawala Transactions) - बिना आधिकारिक बैंकिंग प्रणाली के विदेशों से पैसे भेजने-रसीद करने की गैरकानूनी प्रक्रिया।
3. तस्करी (Smuggling) - प्रतिबंधित या कर-मुक्त माल जैसे सोना, शराब, ड्रग्स आदि का अवैध व्यापार।
4. भ्रष्टाचार (Corruption) - रिश्वतखोरी, घोटाले, सरकारी फंड का दुरुपयोग आदि।
5. बेनामी संपत्ति (Benami Property) - फर्जी नामों पर खरीदी गई संपत्ति जिससे कर चोरी की जाती है।
6. नकली मुद्रा (Counterfeit Currency) - असली मुद्रा के समान दिखने वाले जाली नोटों का अवैध प्रचलन।
7. बिना दस्तावेज़ीकरण वाले व्यापार (Unregistered Business Transactions) - छोटे दुकानदारों, स्थानीय व्यापारियों द्वारा बिना टैक्स भरे की गई बिक्री।
समानांतर अर्थव्यवस्था के प्रभाव (Impact of Parallel Economy)
सकारात्मक प्रभाव (Positive Impact)
1. रोज़गार के अवसर - अनौपचारिक क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है।
2. तरलता में वृद्धि (Increase in Liquidity) - नकदी की उपलब्धता अधिक होती है, जिससे बाजार में खरीदारी बनी रहती है।
3. व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि - छोटे स्तर पर बिना सरकारी हस्तक्षेप के व्यापार बढ़ता है।
नकारात्मक प्रभाव (Negative Impact)
1. सरकारी राजस्व की हानि (Loss of Government Revenue) - सरकार को कर (Tax) नहीं मिल पाता, जिससे विकास कार्यों पर असर पड़ता है।
2. आर्थिक असमानता (Economic Inequality) - अमीर और गरीब के बीच अंतर बढ़ता है, क्योंकि काला धन आम जनता तक नहीं पहुँचता।
3. मुद्रास्फीति (Inflation) बढ़ने की संभावना - अनौपचारिक धन प्रवाह के कारण वस्तुओं की कीमतें अनियंत्रित हो सकती हैं।
4. अवैध गतिविधियों को बढ़ावा - भ्रष्टाचार, आतंकवाद, तस्करी आदि को वित्तीय सहायता मिलती है।
5. अर्थव्यवस्था की पारदर्शिता में कमी (Lack of Economic Transparency) - सही आर्थिक आँकड़ों की अनुपलब्धता से सरकार के नीति निर्माण पर असर पड़ता है।
समानांतर अर्थव्यवस्था को रोकने के उपाय (Measures to reduce Parallel Economy)
1. डिजिटलीकरण (Digitization) को बढ़ावा - ऑनलाइन भुगतान और बैंकिंग को प्रोत्साहित कर कैश आधारित लेन-देन कम करना।
2. सख्त कर कानून और निगरानी - कर चोरी रोकने के लिए सख्त कानून लागू करना।
3. भ्रष्टाचार पर नियंत्रण - सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही तय करना और पारदर्शी प्रणाली लागू करना।
4. हवाला और तस्करी पर सख्ती - अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर अवैध लेन-देन की निगरानी बढ़ाना।
5. बेनामी संपत्ति पर नियंत्रण - फर्जी नामों पर संपत्ति खरीदने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई।
6. नकली मुद्रा पर रोक - सुरक्षा फीचर्स वाले नोट जारी करना और अवैध मुद्रण केंद्रों पर कार्रवाई।
7. सार्वजनिक जागरूकता - लोगों को नकदी रहित लेन-देन, ईमानदारी से कर भरने और सरकारी नीतियों का पालन करने के लिए प्रेरित करना।
निष्कर्ष (Conclusion)
समानांतर अर्थव्यवस्था किसी भी देश के आर्थिक विकास के लिए एक बड़ी चुनौती है। यह सरकार की आय को प्रभावित करती है और आर्थिक असंतुलन पैदा करती है। हालाँकि, डिजिटलीकरण, सख्त कानून, और पारदर्शी प्रशासन के माध्यम से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। भारत में भी नोटबंदी (2016), GST लागू करना, और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना जैसे कई कदम उठाए गए हैं, जो समानांतर अर्थव्यवस्था को कम करने में सहायक रहे हैं ।
© ASHISH COMMERCE CLASSES
THANK YOU.
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box.
Thank you !