कृषि आगतों का विपणन
(Marketing of Agricultural Inputs)
कृषि आगत का अर्थ (Meaning of Agricultural Inputs) :-
कृषि आगतों से तात्पर्य कृषि कार्य हेतु उपयोग में आने वाले उन वस्तुओं से है जिनका उपयोग करके कृषि कार्य किया जाता है । जैसे :- बीज, कीटनाशक, उर्वरक, ट्रैक्टर आदि । इन सभी का प्रयोग करके कोई भी किसान अपने खेती योग्य भूमि में खेती करता है तथा उसे फसल उपजाकर बाजार तक ले जाता है ।
कृषि आगतों का विपणन (Marketing of Agricultural Inputs)
कृषि आगतों के विपणन में किसानों को बीज, उर्वरक, कीटनाशक, मशीनरी और उपकरण जैसे उत्पादों को बेचना और इन सबकी बिक्री को बढ़ावा देना शामिल है। इसमें आम तौर पर किसानों की जरूरतों को समझना, उन्हें उत्पाद लाभों के बारे में शिक्षित करना, प्रभावशीलता का प्रदर्शन करना, सहायता सेवाएं प्रदान करना और वितरण चैनल स्थापित करना शामिल है । तमाम तरह की कंपनियां जो कृषि आगतों का उत्पादन करती हैं वो अपनी रणनीति के अनुसार लक्ष्य निर्धारित करके लक्षित विपणन, कृषि संस्थानों एवं समुदायों से साझेदारी, संगोष्ठियों आदि के माध्यम से किसानों से जुड़कर अपने उत्पाद के बारे में उचित जानकारी देती हैं तथा उन्हें अपने द्वारा उत्पादित वस्तुओं को बेचती हैं ।
कृषि आगतों की श्रेणियां (Categories of Agricultural Inputs)
कृषि आगतों को दो प्रमुख श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है :-
1. उपभोज्य अर्थात खपने वाली वस्तुएं (Consumable or Non - Durable Goods)
2. टिकाऊ वस्तुएं (Durable Goods)
1. उपभोज्य अर्थात खपने वाली वस्तुएं (Consumable or Non - Durable Goods) :- भोज्य या उपभोज्य अर्थात खपने वाली वस्तुएं वे वस्तुएं हैं जिनका उपयोग कम समय में ही कृषि कार्यों में कर लिया जाता है । जिनको अधिक समय तक नहीं रखा जा सकता । इनमें बीज, उर्वरक तथा कीटनाशक रसायन आदि को शामिल किया जाता है ।
2. टिकाऊ वस्तुएं (Durable Goods) :- टिकाऊ वस्तुएं वे वस्तुएं हैं जिनका उपयोग कृषि कार्यों में अधिक समय तक किया जा सकता है तथा इन्हें अधिक समय तक सुरक्षित भी रखा जा सकता है । इनमें ट्रैक्टर, मोटर, पम्पिंग सेट आदि को शामिल किया जाता है ।
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