पार्षद अंतर्नियम किसे कहते हैं ? परिचय, परिभाषा, विषय - वस्तु, विशेषताएँ
What is Article of Association in Hindi
Article of Association in Hindi - Parshad antarniyam kya hai |
पार्षद अंतर्नियम का परिचय :- Introduction of Article of Association in Hindi
पार्षद अंतर्नियम से तात्पर्य उस लिखित दस्तावेज से है, जिसमें कंपनी के सभी नियम एवं कानून होते हैं । जो किसी भी कंपनी के आंतरिक प्रबंधन को प्रभावित करते हैं । पार्षद अंतर्नियम पार्षद सीमा नियम का सहायक दस्तावेज है । अतः पार्षद अंतर्नियम में वर्णित सभी नियम एवं कानून पार्षद सीमा नियम में वर्णित उद्देश्य वाक्य, दायित्व वाक्य सहित अन्य सभी वाक्यों को सहारा देने तथा कंपनी के स्वतंत्र संचालन के लिए बनाए जाते हैं ।पार्षद अंतर्नियम की परिभाषा :- Definition of Article of Association in Hindi
भारतीय कम्पनी अधिनियम की धारा 2(5) के अनुसार :- पार्षद अंतर्नियम से तात्पर्य कम्पनी के पार्षद अंतर्नियम से है, जो वर्तमान या फिर किसी पुराने कंपनी अधिनियम के अनुसार समय समय पर निर्मित या संशोधित किया जाए ।
लॉर्ड किन्स के अनुसार :- पार्षद अंतर्नियम पार्षद सीमा नियम के अधीन कार्य करता है और सीमा नियम को चार्टर के रूप में स्वीकार करता है ।
पार्षद अंतर्नियम की विषय वस्तु (Content of Article of Association in Hindi)
भारतीय कम्पनी अधिनियम की धारा 5 के अनुसार पार्षद अंतर्नियम की विषय वस्तु इस प्रकार है ...
1. नियामक सामग्री :- पार्षद अंतर्नियम उन नियमों का उल्लेख करता है, जो कंपनी के संचालन एवं प्रबंधकीय उद्देश्यों की पूर्ति हेतु आवश्यक है ।
2. शामिल विषय सामग्री :- कभी कभी कंपनी को कंपनी अधिनियम में वर्णित नियमों के अतिरिक्त कई नए नियम बनाने पड़ते हैं । तो उन सभी नियमों को भी कंपनी के पार्षद अंतर्नियम में शामिल कर लिया जाता है, जो प्रबंधकीय उद्देश्यों की पूर्ति हेतु सहज रूप से सहायक हैं ।
3. विभिन्न सारणिया :- कंपनी के पार्षद अंतर्नियम में विभिन्न प्रकार की सारणी F, G, H, I और J अनुसूची J में उपयुक्त रूप से शामिल होती हैं ।
4. अंशों की संख्या एवं मूल्य
5. अंशों का आबंटन
6. अंशों का हरण
7. अंश प्रमाण पत्र
8. पूर्वाधिकार अंशों का निर्गमन
9. अंश हस्तांतरण एवं प्रसारण
10. सभाओं सम्बन्धित नियम
11. नामांकित निदेशक
12. अंकेक्षण समिति
13. लाभांश तथा संचय
14. संचयों का पूंजीकरण
15. लेखे तथा अंकेक्षण
पार्षद अंतर्नियम की विशेषताएं (Characteristics of Article of Association in Hindi)
1. आंतरिक नियमों का लिखित दस्तावेज :- पार्षद अंतर्नियम आंतरिक नियमों से शामिल एक लिखित दस्तावेज है ।
2. सहायक दस्तावेज :- पार्षद अंतर्नियम पार्षद सीमा नियम का सहायक दस्तावेज है ।
3. दायित्वों का निर्धारण :- पार्षद अंतर्नियम कम्पनी की प्रबंधकीय शक्तियों , जैसे :- संचालक मंडल, निदेशक आदि के दायित्वों का निर्धारण करता है । इसके अलावा उनके अधिकारों एवं कर्तव्यों का निर्धारण भी कंपनी अंतर्नियम के द्वारा ही होता है ।
4. अंशों का निर्धारण :- कम्पनी के अंशों का आबंटन, हरण, प्रमाण पत्र, पूर्वाधिकार अंशों का निर्गमन आदि पार्षद अंतर्नियम के द्वारा निर्धारित किया जाता है ।
5. लाभांशो का वितरण :- कंपनी के अंशधारियों को किस रूप में लाभांशों का वितरण किया जाएगा, वितरण के लिए कौन निर्णय लेगा, सभाएं कब आयोजित होंगी आदि पार्षद अंतर्नियम के द्वारा निर्धारित होते हैं ।
6. कम्पनी का संविधान :- पार्षद सीमा नियम और पार्षद अंतर्नियम दोनों मिलकर ।
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