कंपनी निदेशक किसे कहते हैं ? परिचय, परिभाषा, निदेशकों की संख्या
What is Director in Hindi
Company Director in Hindi - Company Sanchalak/Nideshak |
निदेशक का परिचय (Introduction of Director in Hindi)
कृत्रिम व्यक्ति होने के कारण कंपनी अपने सभी कार्यों जैसे :- सभा बुलाना, प्रविवरण जारी करना, अंशों को जारी करना, दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करना आदि को कंपनी स्वयं नहीं कर सकती । अतः कंपनी के सभी कार्यों को ठीक ठीक करने तथा निगरानी रखने के लिए कंपनी को प्रतिनिधियों की आवश्यकता होती है । कम्पनी के प्रतिनिधि के रूप में जिन व्यक्तियों को नियुक्ति कंपनी अधिनियम के अनुसार की जाती है, उन्हें संचालक / निदेशक (Director) कहा जाता है । कम्पनी के सभी निदेशकों को सम्मिलित रूप से निदेशक मंडल (Board of Directors) के नाम से जाना जाता है ।कम्पनी के निदेशक उन सभी कार्यों को करने की क्षमता रखते हैं । जिसे करने की अनुमति कंपनी के द्वारा उन्हें मिली होती है ।
निदेशक की परिभाषा (Definition of Director in Hindi)
कम्पनी अधिनियम की धारा 2(34) के अनुसार :- निदेशक से तात्पर्य कम्पनी मंडल के लिए नियुक्त किए गए निदेशकों से है ।
धारा 149(1) के अनुसार केवल व्यक्ति ( सजीव मानव ) ही कंपनी का निदेशक हो सकता है ।
व्याख्या :- किसी भी कंपनी, फर्म, व्यवसाय या सरकारी उपक्रमों को कंपनी का निदेशक नही बनाया जा सकता ।
सार्थक परिभाषा :- निदेशक से तात्पर्य उन व्यक्तियों से है, जो अंशधारियों के द्वारा कंपनी के संचालन हेतु चयनित किए जाते हैं । कम्पनी में निदेशकों को संयुक्त रूप से निदेशक मंडल के रूप में जाना जाता है ।
कम्पनी में निदेशकों की संख्या (Number of Director in Hindi)
कम्पनी अधिनियम के अनुसार विभिन्न कंपनियों में निदेशकों की अधिकतम एवं न्यूनतम संख्या भिन्न - भिन्न होती है ।
निजी कंपनी :-
न्यूनतम निदेशक :- 2
अधिकतम निदेशक :- 15
सार्वजनिक कंपनी :-
न्यूनतम निदेशक :- 3
अधिकतम निदेशक :- 15
एकल व्यक्ति कंपनी :-
न्यूनतम निदेशक :- 1
अधिकतम निदेशक :- 15
महत्वपूर्ण बिन्दु :-
(a) अधिनियम की धारा 149 1 (b) के अनुसार सार्वजनिक कंपनी की दशा में अंशधारियों की सभा में विशेज प्रस्ताव पास करके निदेशकों की अधिकतम संख्या 15 को भी बढ़ाया जा सकता है ।
(b) कम्पनी के निदेशकों में एक महिला निदेशक आवश्यक है ।
(C) कम से कम एक निदेशक भारत का निवासी होना चाहिए ।
(D) सूचीबद्ध कम्पनियों की दशा में कुल निदेशकों के 1/3rd निदेशक स्वतंत्र निदेशक होने चाहिए ।
और
किसी भी सार्वजनिक कंपनियों की दशा में स्वतंत्र निदेशकों की संख्या का निर्धारण केन्द्र सरकार की तरफ से किया जाएगा ।
महिला निदेशक किसे कहते हैं (Women Director in Hindi)
कम्पनी में महिला निदेशक की नियुक्ति हेतु निम्न बातों का ध्यान रखना अति आवश्यक है :-
1. कम्पनी सूचीबद्ध हो । या..
2. प्रदत्त पूंजी (Paid up Share Capital) ₹100Cr. या उससे अधिक हो । या...
3. सार्वजनिक कंपनी की दशा में कुल बिक्री (Turnover) ₹300Cr. या उससे अधिक हो ।
4. (उपरोक्त तीनों शर्तों में से यदि किसी एक शर्त का भी पालन होता है, तो कम्पनी में महिला निदेशक की नियुक्ति की जायेगी ।)
कम्पनी संचालक के अधिकार एवं कर्तव्य :- (Rights & Responsibility of Director in Hindi)
कंपनी संचालक के अधिकार (Rights of Director in Hindi)
1. सभा बुलाने का अधिकार ।
2. कम्पनी के लिए कर्ज लेना तथा विनिवेश करना ।
3. कम्पनी के लाभांश की घोषणा करना ।
4. कर्मचारियों को बोनस देने का अधिकार ।
5. कम्पनी के नाम पर अंशों, ऋणपत्रों सहित अन्य प्रतिभूतियों को जारी करना ।
6. बकाया अंशों पे पैसे मंगाने का अधिकार ।
7. अंशों के हरण का अधिकार ।
8. समामेलन एवम विलयन की स्वीकृति देने का अधिकार ।
कंपनी संचालक के कर्त्तव्य (Responsibility of Director in Hindi)
1. पार्षद अंतर्नियम के नियमों का पालन करना ।
2. कम्पनी के उद्देशों के अनुरूप काम करना ।
3. कम्पनी तथा अंशधारियों के हितों की रक्षा करना ।
4. किसी भी परिस्थिति में स्वतंत्र न्याय करना ।
5. साफ नियति से कार्य करना ।
6. गोपनीय लाभ न कमाना ।
7. कम्पनी की आंतरिक बातों में गोपनीयता बनाए रखना ।
स्वतंत्र निदेशक 149(1) (Independent Director in Hindi)
कम्पनी की दशा में स्वतंत्र निदेशक वह निदेशक है, जो प्रबंधकीय निदेशक, या पूर्णकालिक निदेशक या नामित निदेशक नहीं है ।
स्वतंत्र निदेशक एक गैर - कार्यकारी निदेशक है, जो कम्पनी के साथ किसी भी प्रकार का ऐसा संबंध नहीं रखता, जो उसके स्वतंत न्याय को प्रभावित करे ।
स्वतंत्र निदेशक वह निदेशक है, जो पिछले दो सालों में कम्पनी का हिस्सेदार या कार्यकारी निदेशक न हो या अंकेक्षक, अधिवक्ता या परामर्शकर्ता न हो या जो कंपनी का 2% या उससे अधिक का अंश न धारण करता हो ।
स्वतंत्र निदेशक की नियुक्ति (Appointment of Director in Hindi)
स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति किस प्रकार से होगी ? उनकी नियुक्ति की क्या - क्या शर्ते हैं ? इन सबका वर्णन कंपनी अधिनियम की धारा 149 में किया गया है । जो इस प्रकार से है ....
1. सभी सूचीबद्ध कम्पनियों की दशा में कुल निदेशकों के 1/3rd निदेशक स्वतंत्र निदेशक होने चाहिए । उस एक तिहाई निदेशकों में निहित किसी भी अंश को एक के रूप में पूर्णांकित किया जाएगा ।
2. गैर - सूचीबद्ध कम्पनियों की दशा में स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति केन्द्र सरकार की सलाह पर होगी ।
निदेशकों की नियुक्ति एवं योग्यता नियम 2014 के नियम 4 के अनुसार गैर सूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनियां 2 स्वतंत्र निदेशक रख सकती हैं ।
इस स्थिति में निम्न बातों का ध्यान रखा जाएगा ।
1. प्रदत्त पूंजी ₹10 करोड़ या उससे अधिक हो ।
2. कुल बिक्री ₹100 करोड़ या उससे अधिक हो ।
3. बकाया ऋण, ऋणपत्र, जमा आदि मिलाकर ₹50 करोड़ या उससे अधिक हो ।
स्वतंत्र निदेशक की भूमिका :- Role of Independent Director in Hindi
स्वतंत्र निदेशक कंपनी के लिए मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है । कम्पनी के स्वतंत्र न्यायिक संचालन में स्वतंत्र निदेशक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । स्वतंत्र निदेशक की कंपनी के संदर्भ में निम्न महत्वपूर्ण भूमिकाएं होती हैं ।
1. कम्पनी के सफल नियोजन प्रक्रिया में सहायक ।
2. जोखिम प्रबंधन, कंपनी की नियुक्तियों सहित अन्य मुद्दों पर निदेशक मंडल से विचार विमर्श कर उन्हें स्वतंत्र रूप से उचित सलाह देना ।
3. अंशधारियों के हितों की रक्षा ।
4. कम्पनी के उद्देश्यों के आधार पर निदेशक मंडल की बैठकों में स्वतंत्र रूप से बैठकों की निगरानी करना एवं सहमति देना ।
5. कार्यकारी निदेशकों, प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों एवं वरिष्ठ प्रबंधकों के पारिश्रमिक के निर्धारण में अहम भूमिका ।
स्वतंत्र निदेशकों के कर्तव्य (Rights of Independent Director In Hindi)
1. कम्पनी की सामान्य सभा में शामिल होना ।
2. निदेशक मंडल की बैठकों में सदस्य के रूप में शामिल होना ।
3. कम्पनी की कार्यवाहियों की समुचित जानकारी रखना ।
4. कम्पनी के कर्मचारियों के अनैतिक व्यवहार, वास्तविक या संदिग्ध धोखाधड़ी एवं आचार संहिता के अनुपालन संबंधी गतिविधियों का ध्यान रखना एवं उसकी रिपोर्ट देना ।
5. अपने अधिकारों के अधीन कार्य करते हुए अंशधारियों एवं कर्मचारियों के हितों की रक्षा करना ।
कौन स्वतंत्र निदेशक नहीं हो सकता ?
1. जो कंपनी की सूत्रधारी कंपनी, सहायक कम्पनी एवं सहयोगी कंपनियों में प्रवर्तक हो ।
2. जिसका कंपनी की सूत्रधारी कंपनी, सहायक कम्पनी एवं सहयोगी कंपनियों के साथ पिछले दो वर्षों में या वर्तमान सत्र में धन संबंधी व्यवहार या संबंध हो ।
3. वह व्यक्ति जिसके रिश्तेदारों का भी यदि किसी तरह से कंपनी के साथ या कंपनी की सूत्रधारी कंपनी, सहायक कम्पनी एवं सहयोगी कंपनियों के साथ धन संबंधी व्यवहार हो, तो भी वह कंपनी का स्वतंत्र निदेशक नहीं बन सकता ।
4. जो कंपनी में पहले से ही किसी प्रबंधकीय पद पर हो या फिर उस कंपनी के सूत्रधारी कंपनी, सहायक कम्पनी एवं सहयोगी कंपनियों में ।
5. जो कंपनी का कर्मचारी हो या फिर जिसके रिश्तेदार कंपनी के कर्मचारी हों ।
संचालक नियुक्ति पर योग्यताएं (Appointment of Director in Hindi)
1. न्यायालय द्वारा अस्वस्थ मस्तिष्क का घोषित व्यक्ति ।
2. दिवालिया व्यक्ति ।
3. जिसे दिवालिया घोषित करने के लिए आवेदन किया गया हो और उसका प्रार्थना पत्र लंबित होने पर ।
4. यदि न्यायालय या ट्रिब्यूनल के द्वारा संचालक की नियुक्ति के बारे में अयोग्यता संबंधी कोई आदेश पारित किया गया हो और वह आदेश कभी भी प्रभावित होने पर जिसके खिलाफ आदेश हो उसे संचालक नहीं नियुक्त किया जाएगा ।
5. यदि कोई व्यक्ति जो न्यायालय द्वारा किसी भी कार्य करने के लिए अपराधी माना गया हो चाहे वह मानसिक कारण ही क्यों न हो और उसे किसी अपराध के लिए कम से कम से कम 6 माह की सजा सुनाई गई हो और उसे इस सजा से 5 वर्ष तक की अवधि सभी समाप्त नहीं हुई हो । उस व्यक्ति को निदेशक नियुक्त नहीं किया जाएगा ।
.... परंतु यदि किसी व्यक्ति को पांच साल या उससे अधिक की सजा हो गई है, तो वह कंपनी में संचालक के पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता ।
6. किसी व्यक्ति ने अपने द्वारा लिए गए अंशों पर किसी याचना राशि का भुगतान नहीं किया हो, चाहे वह व्यक्ति अकेला हो या संयुक्त रूप से हो ऐसी याचना के भुगतान की 6 माह की अवधि समाप्त हो गई हो ।
संचालक का त्याग पत्र :- (168) (Resignation of Director in Hindi)
भारत में संचालकों के त्याग पत्र को पहली बार 2013 के अधिनियम में लाया गया है । संभवतः हम समझ सकते हैं, कि इससे पूर्व के अधिनियमों में संचालकों के त्यागपत्र का कोई प्रावधान नहीं था ।
संचालकों के त्याग पत्र की स्थिति में निम्न चरणों को समझा जा सकता है ...
1. सर्वप्रथम निदेशक के द्वारा त्याग पत्र का नोटिस कम्पनी को लिखित रूप में दिया जायेगा ।।
2. संचालक मंडल के द्वारा जो भी त्याग पत्र संचालक के द्वारा प्राप्त होगा, उसे ध्यान में रखा जाएगा ।
3. संचालक से त्याग पत्र की सूचना मिलने पर कम्पनी 30 दिनों के अंदर रजिस्ट्रार को Form DIR 12 में सूचित करे और यदि कंपनी की कोई वेबसाइट हो, तो वहां पर भी सूचना दे ।
4. कम्पनी संचालक के त्याग पत्र की जानकारी कंपनी की साधारण सभा में संचालक रिपोर्ट के साथ देगी ।
5. ऐसा संचालक जो त्याग पत्र दे रहा है, वह त्याग पत्र की एक प्रति त्याग पत्र के विस्तृत कारणों सहित त्याग पत्र की तिथि से 30 दिनों के भीतर रजिस्ट्रार के पास Form DIR 11 में भेजेगा और फीस भी जमा करेगा ।
संचालकों का निष्कासन (Removal of Directors)
1. अंशधारियों द्वारा संचालकों का निष्कासन :-कम्पनी अधिनियम 2013 की धारा 169 के अनुसार कंपनी के संचालकों / निदेशकों को अंशधारियों के द्वारा हटाया जा सकता है । इस स्थिति में अंशधारियों के पास ये शक्ति भी होती है, कि वे निष्कासन के पश्चात एक नए संचालक को नियुक्त कर सकें ।
A. साधारण प्रस्ताव से निष्कासन :- अधोलिखित निम्न परिस्थितियों को छोड़कर कम्पनी समय सीमा खतम होने से पूर्व साधारण सभा के माध्यम से निदेशकों को निष्कासित कर सकती है ।
(a) जब निदेशक धारा 242 के अंतर्गत ट्रिब्यूनल के द्वारा नियुक्त किया गया हो ।
(b) अधिनियम की धारा 163 के अनुसार दो तिहाई या उससे अधिक निदेशक जो आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार नियुक्त हुए हैं । उन्हें किसी भी दशा में कम्पनी के साधारण सभा से हटाया जा सकता है ।
B. विशेष प्रस्ताव के द्वारा निष्कासन :- कम्पनी अधिनियम की धारा 149(10) के अनुसार ऐसा कोई स्वतंत्र निदेशक जो पुनः नियुक्त किया गया है, उसके निष्कासन हेतु कम्पनी को विशेष प्रस्ताव की आवश्यकता होती है ।
2. कम्पनी ट्रिब्यूनल के द्वारा निदेशकों का निष्कासन :- कम्पनी अधिनियम की धारा 242 के अंतर्गत किसी भी कंपनी के निदेशकों को ट्रिब्यूनल के द्वारा निष्कासित किया जा सकता है । इस स्थिति में निष्कासन तब होता है, जब धारा 241 के अनुसार कंपनी में उत्पीड़न या फिर कुप्रबंधन की स्थिति पैदा हो जाए ।
इसके अंतर्गत ट्रिब्यूनल के पास ये अधिकार होता है, कि वह निदेशक एवं कंपनी के बीच किए गए अनुबंध को समाप्त या संशोधित कर सके ।
धारा 243 के अनुसार ट्रिब्यूनल के द्वारा निष्कासित निदेशक कंपनी से किसी भी प्रकार के नुकसान के भरपाई की मांग नही कर सकता । इसके अलावा जिस तारीख को उस निदेशक का निष्कासन हुआ है, उस तारीख से पांच वर्षों तक वह कंपनी का पुनः निदेशक भी नियुक्त नहीं किया जा सकता ।
© ASHISH COMMERCE CLASSES
THANK YOU.
0 Comments
Please do not enter any spam link in the comment box.
Thank you !