भारत में उपज विपणियां (Produce exchanges in India)

भारत में उपज विपणियां
 (Produce exchanges in India)

 (Produce exchanges in India)

उपज विपणि का अर्थ (Meaning of Produce Exchanges)


उपज विपणि दो शब्दों उपज और विपणि का सम्मिलित रूप है । जिसमें उपज का अर्थ उससे है जो जमीन से पैदा होता है या निकलता है । जैसे :- धान, गेहूं, कपास, चाय, लोहा, सोना इत्यादि । इसके अलावा विपणि से तात्पर्य उस स्थान से है जहां किसी वस्तु का क्रय - विक्रय होता है । अतः सम्मिलित रूप से समझा जाय तो उपज 
विपणि वह स्थान है जहां धरती से उपजे माल का क्रय - विक्रय बहुत बड़े पैमाने पर होता है । 

उपज विपणि की परिभाषा (Definition of Produce Exchanges)


जे. एल. पायले के अनुसार :- उपज विपणि एक विशिष्ट संगठित विपणि है , जो ऐसा स्थान प्रदान करती है जहां इसके सदस्य निर्धारित नियमों के अंतर्गत वस्तुएं खरीदते एवं बेचते हैं तथा भावी सुपुर्दिगियों के अनुबंध करते हैं ।

उपज विपणियों के लक्षण (Characteristics of Produce Exchanges)


1. सुसंगठित बाजार (Organised Market)
2. निर्धारित नियमानुसार व्यवहार (Transaction according to Rules)
3. वायदा एवं त्वरित दोनों प्रकार के व्यवहार (Future and immediate Transactions)
4. विशिष्ट वस्तुओं में व्यवहार (Transaction in Specific Commodities)
5. केवल पंजीकृत सदस्यों के बीच व्यवहार (Transaction Registered members only)

उपज विपणियों के कार्य (Functions of Produce Exchanges)


1. वित्तीय कार्य (Financial Work)
2. बीमा (Insurance)
3. सौदों का शीघ्र निपटारा (Fast Settlement of Transactions)
4. मूल्यों में समानता व स्थिरता (Similarity and Stability in Rates)
5. विवादों का निपटारा (Settlement of Disputes)

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