भारत में औद्योगिक वस्तुओं का विपणन
(Marketing of Industrial Goods in India)
औद्योगिक वस्तुएं (Industrial Goods)
औद्योगिक वस्तुओं से आशय ऐसी वस्तुओं से है जिनका प्रयोग अन्य उत्पादों को बनाने तथा सेवाएं प्रदान करने में तमाम तरह की कंपनियों के द्वारा उनकी आवश्यकतानुसार किया जाता है । औद्योगिक वस्तुएं पुनः उत्पाद के काम आती हैं इनका प्रयोग उपभोक्ताओं के द्वारा अपने उपभोग के लिए नहीं किया जाता ।
उदाहरण :- मशीनरी , कच्चा माल, यंत्र, पेट्रोलियम उत्पाद इत्यादि ।
औद्योगिक वस्तुओं का विपणन (Marketing of Industrial Goods)
औद्योगिक विपणन वे गतिविधियां हैं जिनके माध्यम से औद्योगिक बाजारों में औद्योगिक वस्तुओं के विनिमय में सहायता मिलती है ।
औद्योगिक वस्तुओं के विपणन में उपभोक्ता वस्तुओं की तुलना में अधिक लक्षित दृष्टिकोण शामिल होता है। औद्योगिक उत्पादन विपणन ग्राहकों से संबंध बनाने, दक्षता, विश्वसनीयता और लागत-प्रभावशीलता के संदर्भ में उत्पादों के मूल्य को प्रदर्शित करने , तकनीकी विशिष्टताओं के माध्यम से और व्यवसायों के लिए दीर्घकालिक लाभों पर जोर देने पर केंद्रित है।
औद्योगिक वस्तुओं का वर्गीकरण (Classification of Industrial Goods)
1. कच्चा माल (Raw Materials)
2. उपकरण (Equipments)
3. सहायक उपकरण (Helping or Additional Equipments)
4. संघटक अंश (Component parts)
5. प्रक्रिया अंश या सामग्री (Process Materials)
6. खर्च होने वाला सामान (Consumable Supplies)
7. औद्यौगिक वस्तुएं (Industrial Services)
औद्योगिक वस्तुओं की विशेषताएं (Characteristics of Industrial Goods)
1. सीमित ग्राहक (Limited Customers)
2. बड़े पैमाने पर क्रय (Purchasing at large scale)
3. परिणात्मक मांग (Derived Demand)
4. छोटी वितरण प्रणालियां (Short Distribution Channels)
5. खरीदी जाने वाली वस्तुओं में विविधता (Diversity of purchasing goods)
6. औद्योगिक ग्राहकों के आदेश बहुत सटीक होते हैं (Appropriate Orders)
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