विक्रय किसे कहते हैं ? (Selling in Hindi)

     विक्रय किसे कहते हैं ? 
(Selling in Hindi)

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(Selling in Hindi)

विक्रय का अर्थ (Meaning of Selling in Hindi)


विक्रय से तात्पर्य किसी प्रतिफल पर वस्तुओं एवं सेवाओं के हस्तांतरण से है । जिसमें एक पक्ष विक्रेता और दूसरा पक्ष क्रेता होता है । विक्रय में वस्तुओं एवं सेवाओं के स्वामित्व हस्तानांतरण के साथ - साथ भावी ग्राहकों को ढूंढना, मांग सृजन करना, ग्राहकों को प्रोत्साहित करना तथा क्रेताओं को उत्पाद संबंधी सूचनाएं प्रदान करवाना आदि शामिल हैं । 

उदाहरण :- स्वेता एक विद्यार्थी है । उसे कुछ किताब, कुछ कापियां, पेंसिल, पेन आदि चाहिए । इसलिए वह पास के ही बाजार में स्थित दुकान पर जाती है तथा इन सारी चीजों को खरीद लेती है । इस स्थिति में दुकानदार के द्वारा श्वेता को पैसे यानी प्रतिफल के बदले इन सारी वस्तुओं को देना विक्रय या बिक्री कहा जायेगा । 

विक्रय की परिभाषा (Definition of Selling in Hindi)


1. टाउसले, क्लार्क एवं क्लार्क के अनुसार :- विक्रय का उद्देश्य माल को संतोषजनक मूल्यों पर बेचना है । 

2. स्टिल, कंडिफ एवं गोवोनी के अनुसार :- विक्रय व्यापक अर्थ में केवल विक्रय करना या स्वामित्व का हस्तांतरण करना ही नहीं है वरन संभावित ग्राहकों को पहचानने, मांग को प्रोत्साहित करने और क्रेताओं को सूचना व सेवा प्रदान करने की भी प्रक्रिया है ।

3. फिलिप्स एवं डंकन के अनुसार :- विपणन कार्य का हृदय विक्रय है । इस संबंध में जो विक्रय नीति और तरीके अपनाए जाते हैं उनमें निर्माता एवं मध्यस्थ के वास्तविक उत्साह का परीक्षण होता है ।

विक्रय की प्रकृति एवं विशेषताएं (Nature and Characteristics of Selling)


1. सृजनात्मक क्रिया (Creative Activity)
2. विपणन का सार (Essence of Marketing)
3. संवर्द्धन (Promotion)
4. विक्रय का अंतिम उद्देश्य विनिमय (Last Object of sale exchange)
5. सामाजिक साधन (Social Means)

विक्रय का क्षेत्र (Scope of Selling in Hindi)


1. वस्तु नियोजन एवं विकास (Product Planning and Development)
2. वितरण व्यवस्था (Distribution System)
3. वस्तु की मांग उत्पन्न करने के साधन 
4. विक्रय के बाद सेवा (After sales Service)

विक्रय के सिद्धांत (Principles of Selling in Hindi)


1. निरंतरता का सिद्धांत (Principle of Continuity)
2. लाभ का सिद्धांत (Principle of Profit)
3. विश्वास का सिद्धांत (Principle of Confidence)
4. उद्देश्य का सिद्धांत (Principle of Objective)
5. लोच का सिद्धांत (Principle of Elasticity)
6. कुशलता का सिद्धांत (Principle of Efficiency)


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