वैयक्तिक या व्यक्तिगत विक्रय किसे कहते हैं ?
(Personal Selling in Hindi)
व्यक्तिगत विक्रय का अर्थ (Meaning of Personal Selling)
व्यक्तिगत विक्रय से आशय विक्रेता के द्वारा व्यक्तिगत रूप से क्रेता के पास पहुंचकर वस्तुओं के विक्रय से है । इस विधि में क्रेता एवं विक्रेता आमने सामने होते हैं, विक्रेता जिस वस्तु को क्रेता के बेच रहा होता है उसकी गुणवत्ता, उपयोगिता, ब्रांड आदि के बारे में क्रेता को बताता है जिससे क्रेता प्रभावित हो और उसके द्वारा बेची जाने वाली वस्तु को खरीदे । इसका उद्देश्य उत्पाद के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना, रुचि पैदा करना, ब्रांड प्राथमिकता का विकास करना, कीमतों के संबंध में बातचीत करना आदि होता है ।
उदाहरण :- आपने देखा होगा आप जहां कहीं भी गांव या शहर में रहते हैं वहां बहुत सारी कंपनियों के एजेंट अपने उत्पाद को लेकर आपके पास आते होंगे, उस उत्पाद के बारे में आपको जानकारी देते हैं , प्रभावित करते हैं जिससे आप उनके उत्पाद को खरीदें । किसी भी उत्पाद को बेचने की यही विधि व्यक्तिगत विक्रय है ।
व्यक्तिगत विक्रय की परिभाषा (Definition of Personal Selling)
1. अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन के अनुसार :- विक्रय करने के उद्देश्य से एक या अधिक संभावित ग्राहकों के साथ बातचीत में मौखिक प्रस्तुति ।
2. कंडिफ एवं स्टील के अनुसार :- व्यक्तिगत विक्रय मूलतः संचार की एक विधि है । इसमें न केवल व्यक्तिगत वरन सामाजिक व्यवहार भी सम्मिलित है । प्रत्येक व्यक्ति आमने सामने (विक्रेता एवं संभावित क्रेता) एक दूसरे को प्रभावित करता है ।
3. रिचर्ड बुसकिर्क के अनुसार :- उत्पाद के संभावित क्रेताओं के साथ व्यक्तिगत संपर्क करना व्यक्तिगत विक्रय में सम्मिलित है ।
व्यक्तिगत विक्रय के कार्य (Functions of Personal Selling)
1. विक्रय करना (Marketing Sales)
2. विक्रय रिकॉर्ड रखना (Keeping Sales Records)
3. प्रशासनिक कार्य (Executive Functions)
4. ग्राहक की सेवा (Service to Customers)
5. संस्था की ख्याति को बढ़ाना (Developing Goodwill of the Firm)
व्यक्तिगत विक्रय के प्रकार (Types of Personal Selling)
1. फुटकर व्यापारियों के लिए (Sellings for Retailers)
2. थोक व्यापारियों के लिए विक्रय (Selling for Wholesalers)
3. निर्माताओं के लिए विक्रय (Selling for Manufacturers)
व्यक्तिगत विक्रय प्रक्रिया (Personal Selling Process)
एडविन चार्ल्स के द्वारा विक्रय प्रक्रिया को निम्न पांच अवस्थाओं में समझाया गया है :-
1. ध्यान आकर्षित करना (Attracting, Attention or Prospecting)
2. रुचि जाग्रत करना (Awakening Interest)
3. इच्छा प्रेरित करना (Arousing Desire)
4. विश्वास दिलाना (Getting Conviction)
5. कार्य रूप में परिणित करना अथवा विक्रय समाप्ति (Getting Action or Closing Sales)
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