उत्पाद जीवन चक्र किसे कहते हैं ? (Product Life Cycle in Hindi)

उत्पाद जीवन चक्र किसे कहते हैं ? 
(Product Life Cycle in Hindi)

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(Product Life Cycle in Hindi)

उत्पाद जीवन चक्र का अर्थ (Meaning of Product life Cycle)


किसी भी उत्पाद के बाजार में आने से यानी प्रस्तुतिकरण लेकर उसके बाजार से जाने यानी पतन तक की सम्पूर्ण अवस्था को उत्पाद जीवन चक्र कहा जाता है । कोई भी उत्पाद जब बाजार में पहली बार आता है तो संबंधित कंपनी के द्वारा उसकी बिक्री के उद्देश्य से ग्राहकों तक उस उत्पाद के बारे में विपणन (Marketing) के माध्यम से सूचनाएं पहुंचायी जाती हैं । जब ग्राहकों के पास उत्पाद के संबंध में सूचनाएं पहुंचती हैं तो ग्राहक उस उत्पाद को खरीदते हैं जिसके फलस्वरूप उस वस्तु की मांग बढ़ जाती है । यह ये अवस्था है जब उत्पाद अपने उच्चतम शिखर की ओर अग्रसर हो रही होती है । धीरे धीरे इस उत्पाद की मांग में वृद्धि के फलस्वरूप यह उत्पाद अपने जीवन काल में शीर्ष पर होती है यानी इसकी बिक्री बहुत ही अधिक होती है । अंतः बाजार में नए उत्पादों के आने , मांग में कमी तथा अन्य परिस्थितियों की वजह से यह उत्पाद अपने पतन की अवस्था तक पहुंच जाती है । इस प्रकार कहा जा सकता है कि किसी भी उत्पाद के बाजार में आने से लेकर उसके बाजार से जाने तक की सम्पूर्ण अवस्था उस उत्पाद का जीवन चक्र है ।

उत्पाद जीवन चक्र की परिभाषा (Definition of Product life Cycle)


1. फिलिप कोटलर के अनुसार :- उत्पाद जीवन चक्र किसी उत्पाद के विक्रय इतिहास की विभिन्न अवस्थाओं को जानने का प्रयास है ।

2. लिप्सन एवं डार्लिंग के अनुसार :- जीवन चक्र से आशय बाजार स्वीकारण की उन अवस्थाओं से है जिनमें एक उत्पाद प्रस्तुतीकरण से लेकर बाजार मृत्यु (समाप्ति) तक गुजरता है । बाजार में प्रस्तुत किए जाने वाले उत्पाद के जीवन चक्र की अवस्थाएं हैं । बाजार प्रस्तुतीकरण, बाजार विकास, बाजार संतृप्ति, बाजार पतन और बाजार मृत्यु ।

उत्पाद जीवन चक्र की अवस्थाएं (Stages of Product Life Cycle)


1. प्रस्तुतीकरण (Introduction)
2. विकास (Growth)
3. परिपक्वता (Maturity)
4. अवनति या पतन (Decline)
5. संतृप्ति (Saturation)
6. अप्रचलन अथवा जीर्णता अथवा मृत्यु (Obsolescence or Death)

उत्पाद जीवन चक्र को प्रभावित करने वाले घटक (Factors Affecting Product Life Cycle)


1. तकनीकी परिवर्तनों की गति (Rate of Technological Changes)
2. बाज़ार स्वीकृति की गति (Rate of Market Acceptance)
3. प्रतिस्पर्धी प्रवेश स्थिति (Case of Competitive Entry)
4. पेटेंट द्वारा संरक्षण (Protection by Petent)
5. आर्थिक शक्तियां (Economic Forces)
 
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