सुरक्षा सीमा किसे कहते हैं ?
(Margin of Safety in Hindi)
सुरक्षा सीमा का अर्थ (Meaning of Margin of Safety)
वास्तविक विक्रय तथा सम विच्छेद बिंदु पर विक्रय का अंतर सुरक्षा सीमा (Margin of Safety) कहलाता है । यह सीमा जितनी ही अधिक होगी व्यवसाय में लाभ की मात्रा उतनी अधिक होगी तथा उसके साथ ही साथ व्यवसाय भी सुरक्षित होगा । विक्रय में सम विच्छेद बिंदु तक कमी होने पर व्यवसाय की हानि नहीं होती किंतु सम विच्छेद बिंदु से सम विच्छेद बिंदु से विक्रय मात्रा ज्यों ही घटने लगती है , हानि की मात्रा बढ़ने लगती है । सुरक्षा सीमा को इकाइयों व मौद्रिक राशि में ज्ञात किया जा सकता है ।
सुरक्षा सीमा की परिभाषा (Definition of Margin of Safety)
चार्ल्स हॉर्नग्रेन के अनुसार :- वास्तविक विक्रय (बजटीय विक्रय) का सम विच्छेद विक्रय मात्रा पर आधिक्य सुरक्षा सीमा कहलाती है ।
सुरक्षा सीमा का महत्व (Importance of Margin of Safety)
किसी भी व्यवसाय के लिए सुरक्षा - सीमा अत्यंत ही महत्व रखती है । व्यवसाय में सुरक्षा सीमा जितनी ही अधिक होगी लाभ की संभावना उतनी ही अधिक तथा हानि की संभावना उतनी ही कम होगी । अतः सुरक्षा सीमा कम होने पर व्यवसाय में क्रियाशीलता का स्तर ऊंचा होना चाहिए ।
सुरक्षा सीमा को सुधारने के लिए निम्न को समझा जा सकता है :-
1. परिवर्तनशील एवं स्थिर लागतों में कमी किया जाना ।
2. उत्पादन स्तर में वृद्धि किया जाना ।
3. विक्रय मात्रा में वृद्धि किया जाना ।
4. अलाभकारी उत्पादों के उत्पादन को बंद करके केवल लाभकारी उत्पादों के उत्पादन पर ध्यान दिया जाना चाहिए ।
सुरक्षा सीमा की गणना (Ascertainment of Margin of Safety)
1. Margin of Safety (Units) = Actual Sales (Units) - Sales at B.E.P. (Units)
2. Margin of Safety (₹) = Actual Sales (₹) - Sales at B.E.P. (₹)
3. Margin of Safety (%) = Actual Sales - Sales at B.E.P./Actual Sales×100
4. Margin of Safety = Margin of Safety when the amount of profit is given :
Margin of Safety (₹) = Profit/P/V Ratio
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