सीमांत लागत किसे कहते हैं ? (Marginal Cost in Hindi)

सीमांत लागत किसे कहते हैं ? 
(Marginal Cost in Hindi)

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Marginal Cost in Hindi

सीमांत लागत का अर्थ (Meaning of Marginal Cost


सीमांत लागत किसी वस्तु के उत्पादन पर लगने वाली ऐसी लागत है जो सामान्य उत्पादन के अतिरिक्त किसी वस्तु की अतिरिक्त इकाइयां निर्मित या उत्पादित करने पर ही उत्पन्न होती हैं । दूसरे शब्दों में , किसी निश्चित समय में उत्पादित की जाने वाली अंतिम इकाई को सीमांत इकाई तथा इस सीमांत इकाई की लागत को सीमांत लागत कहते हैं । सीमांत लागत को प्रत्यक्ष लागत (Direct Cost), परिवर्तशील लागत (Variable Costs), भेदात्मक लागत तथा वृद्धि लागत भी कहते हैं । यदि किसी व्यवसाय के द्वारा अतिरिक्त इकाइयों का उत्पादन नहीं किया जाय तो सीमांत लागत भी उत्पन्न नहीं होगी । अतः किसी वस्तु के उत्पादन में एक इकाई की वृद्धि करने से कुल लागत में जो वृद्धि होती है वह सीमांत लागत कहलाती है । 

जैसे :- कोई पेन बनाने वाली कम्पनी है जो किसी निश्चित समय में 1,00,000 पेन बनाती है या उत्पादित करती है, इसके बाद यह कंपनी यदि 1,00,001 पेनों का उत्पादन करती है । इस स्थिति में कंपनी के द्वारा 1,00,001 वीं इकाई को उत्पादित करने में जो लागत लगेगी उसे सीमांत लागत कहा जायेगा ।

सीमांत लागत की परिभाषा (Definitions of Marginal Cost)


1. इंग्लैंड के इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क्स एकाउंटेंट्स के अनुसार :- उत्पादन की किसी दी हुई मात्रा में एक इकाई की वृद्धि अथवा कमी करने से सम्पूर्ण लागत में जो परिवर्तन होता है, उसे सीमांत लागत कहते हैं ।
2. डी. जोसेफ के अनुसार :- सीमांत लागत वर्तमान उत्पादन स्तर से एक इकाई अधिक उत्पादन के कारण कुल लागत में हुए परिवर्तन को निर्धारित करने की तकनीक है । 

सीमांत लागत की गणना (Computation of Marginal Cost)


सीमांत लागत की गणना निम्न का योग करके ज्ञात की जाती है :- 

1. प्रत्यक्ष सामग्री (Direct Material)
2. प्रत्यक्ष मजदूरी (Direct Wages)
3. अन्य प्रत्यक्ष व्यय (Other Direct Expenses)
4. परिवर्तनशील उत्पादन उपरिव्यय (Variable Manufacturing Overhead)
5. परिवर्तनशील विक्रय एवं वितरण उपरिव्यय (Variable Selling and Distribution Overheads)

इस स्थिति में सामान्य प्रशासनिक उपरिव्यय पूर्ण रूप से स्थिर व्यय होता है , अतः इसे सीमांत लागत में सम्मिलित नहीं किया जाता है ।

सीमांत लागत समीकरण (Marginal Cost Equation)


TC = FC + VX

Where, 

TC =Total Cost
FC= Fixed Cost 
V= Variable Cost per unit
X= Production (in units)


सीमांत लागत की विशेषताएं (Characteristics of Marginal Cost)


1. उत्पादन में कमी अथवा वृद्धि होने पर प्रति इकाई परिवर्तनीय लागत समान रहती है अर्थात उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता ।
2. उत्पादन के घटने अथवा बढ़ने की स्थिति में भी कुल स्थिर लागत समान रहती है अर्थात उसमें कोई परिवर्तन नहीं होता ।
3. उत्पादन की मात्रा में वृद्धि होने के साथ साथ प्रति इकाई स्थिर लागत कम होती चली जाती है ।
4. उत्पादन की मात्रा में वृद्धि होने पर कुल परिवर्तनीय लागत आनुपातिक रूप में बढ़ती है तथा उत्पादन में कमी होने पर आनुपातिक रूप में घटती है ।
5. निर्मित माल के स्कंध (Stock) तथा चालू कार्य (Work in Progress) का मूल्यांकन परिवर्तनशील लागत के आधार पर किया जाता है ।

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