अवशोषण लागत किसे कहते हैं ?
(Absorption Costing in Hindi)
अवशोषण लागत का अर्थ (Meaning of Absorption Costing in Hindi)
अवशोषण लागत जिसे पूर्ण लागत भी कहते हैं । यह किसी उत्पाद के साथ जुड़े सभी प्रकार के लागतों को पता लगाने का एक प्रबंधकीय लेखा पद्धति है । अवशोषण लागत पद्धति का इस्तेमाल करके प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष दोनों प्रकार के लागतों का पता लगाया जा सकता है । प्रत्यक्ष लागतों में उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले सामग्री, श्रम तथा अप्रत्यक्ष लागतों में उत्पादन में लगे फैक्टरी किराया, प्रशासनिक व्यय, बीमा एवं अन्य लागत शामिल हैं ।
अवशोषण लागत में जिन लागतों को अवशोषित किया जाता है अर्थात पता लगाया जाता है उसमें स्थिर लागत (Fixed Cost), परिवर्तनशील लागत (Variable Costs) तथा अर्द्ध परिवर्तनशील लागत (Semi - Variable Costs) शामिल हैं । परिवर्तनशील लागत उत्पादन में लगे सामग्री की मात्रा को घटाते - बढ़ाते रहते हैं । जहां स्थिर लागत का कोई प्रभाव नहीं होता तथा अर्द्ध परिवर्तनशील लागत भी तमाम तरह से उत्पादन पर प्रभाव डालते रहते हैं ।
अवशोषण लागत की परिभाषा (Definition of Absorption Costing in Hindi)
अवशोषण लागत को कुल लागत या परंपरागत लागत के रूप में भी जाना जाता है । यह उत्पादन की प्रक्रिया (Production Process) में लगने वाले सभी लागतों को एक साथ जोड़ने और फिर प्रति यूनिट अर्थात प्रति इकाई लागत का निर्धारण करने की एक प्रबंधकीय लेखा विधि है। इस विधि के माध्यम से व्यवसायों को उनके वित्तीय वर्ष के शेष में उल्लिखित स्टॉक के मूल्य का पता लगाने में मदद मिलता है ।
अवशोषण लागत के घटक (Element of Absorption Costing in Hindi)
अवशोषण लागत के घटकों में निम्न को समझा जा सकता है :-
1. प्रत्यक्ष सामग्री लागत।
2. प्रत्यक्ष श्रम लागत।
3. परिवर्तनीय विनिर्माण उपरिव्यय।
4. स्थिर उत्पादन उपरिव्यय
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