लाभ मात्रा अनुपात क्या है ?
(Profit Volume Ratio in Hindi)
लाभ मात्रा अनुपात का अर्थ (Meaning of Profit Volume Ratio)
लाभ मात्रा अनुपात बिक्री की मात्रा एवं लाभ के बीच संबंध स्थापित करने की एक प्रबंधकीय पद्धति है । जिसे PV Ratio या Profit Volume Ratio या अंशदान उपांत अनुपात (Contribution Margin Ratio) भी कहते हैं । इसकी गणना अंशदान उपांत (Contribution Margin) को कुल बिक्री मूल्य (Total Sales Price) से भाग देकर की जाती है ।
लाभ मात्रा अनुपात बिक्री से आय के प्रतिशत को दर्शाता है जिसकी वजह से उत्पादन में लगे स्थिर लागत (Fixed Cost) को कवर करके लाभ निकालने में मदद मिलती है । व्यवसाय का लाभ मात्रा अनुपात जितना ही अधिक होगा , उतनी ही कम बिक्री मात्रा की आवश्यकता होगी दिए गए लाभ के स्तर को प्राप्त करने के लिए । अतः कहा जा सकता है कि कंपनियों के लिए उनके सम विच्छेद बिंदु (Break Even Point) का निर्धारण करने तथा उनके द्वारा उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं पर लाभदायकता का मूल्यांकन के लिए लाभ मात्रा अनुपात अत्यधिक कारगर सिद्ध होता है ।
लाभ - मात्रा अनुपात की गणना (Calculation of Profit Volume Ratio in Hindi)
इसकी गणना सदैव प्रतिशत में की जाती है। जिसके लिए निम्न सूत्र का प्रयोग किया जाता है :-
1. PV Ratio = C/SP × 100
Where,
C = Total Contribution, (SP - VC)
SP = Total Sales Price
लाभ - मात्रा अनुपात की सहायता से सम विच्छेद बिंदु की भी गणना कुछ इस प्रकार से की जा सकती है :-
B.E.P. = FC/P/V Ratio
• P/V Ratio = SP - VC/SP×100
जब दो अवधि की बिक्री और लाभ की सूचना दी हुई हो :-
• P/V Ratio = Changes in Profit (₹)/Changes in Sales (₹) × 100
• P/V Ratio = Profit/Margin of Safety×100
• P/V Ratio = FC/BEP in ₹
• PV Ratio = 100 - [VC×100/SP]
जब अनुपात की गणना दर में करनी हो :-
• P/V Ratio = Contribution/SP or 1-VC/SP
• Composite P/V Ratio = Total Contribution/Total Sales × 100
© ASHISH COMMERCE CLASSES
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