सामान्य आकार के विवरण किसे कहते हैं ?
(Common Size Statements in Hindi)
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Common Size Statements in Hindi |
सामान्य आकार के विवरण का अर्थ (Meaning of Common Size Statements)
सामान्य आकार के विवरणों से आशय उन वित्तीय विवरणों से है जिनमें आर्थिक चिट्ठा (Balance Sheet) तथा आय विवरण (Income Statement) को विश्लेषणात्मक प्रतिशतों के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। इन विवरणों में दिए गए आंकड़ों को कुल संपत्तियों, कुल दायित्वों एवं कुल बिक्री के प्रतिशत के रूप में प्रदर्शित किया जाता है । इस तरह के वित्तीय विश्लेषण को लंबवत या स्थिर विश्लेषण (Vertical or Static Analysis) भी कहा जाता है ।
इसमें आर्थिक चिट्ठे (Balance Sheet) की संपत्तियों (Assets) के कुल योग को 100 मान लिया जाता है तथा विभिन्न संपत्तियों का इस योग से प्रतिशत ज्ञात किया जाता है । इसी प्रकार विभिन्न दायित्वों का कुल दायित्व के साथ प्रतिशत निकालते हैं । आय विवरण के संबंध में प्रत्येक मद का कुल बिक्री (Sales) के साथ प्रतिशत निकाला जाता है । इस प्रकार से तैयार किए गए विवरणों को अवयव प्रतिशत (Common Percentage) या 100 प्रतिशत विवरण (100 Percent Statement) भी कहा जाता है । क्योंकि इसके अंतर्गत प्रत्येक मद का कुल 100 के प्रतिशत के रूप में व्यक्त किया जाता है ।
सामान्य आकार के विवरण बनाने के उद्देश्य (Objectives of Preparation of Common Size Statements)
1. कुल संपत्तियों, कुल दायित्वों तथा व्यवसाय से आय से संबधित तमाम तरह के मदों में होने वाले परिवर्तन को प्रदर्शित करने के लिए सामान्य आकार के विवरण बनाए जाते हैं ।
2. विभिन्न वित्तीय विवरणों के तुलनात्मक अध्ययन के लिए सामान्य आधार तैयार करने के लिए सामान्य आकार के विवरण बनाए जाते हैं ।
3. विभिन्न वित्तीय विवरणों के सभी मदों के बीच संबंध स्थापित करने के लिए ।
सामान्य आकार के विवरणों का निर्माण (Preparation of Common Size Statements)
सामान्य आकार के विवरणों के अंतर्गत दो तरह के विवरण सम्मिलित किए जाते हैं :-
1. सामान्य आकार के लाभ - हानि विवरण (Common Size Statement of Profit & Loss A/c)
2. सामान्य आकार का आर्थिक चिट्ठा (Common Size Balance - Sheet)
सामान्य आकार के विवरणों का महत्व (Importance of Common Size Statements)
सामान्य आकार के विवरण की मुख्य विशेषता इसकी सरलता एवं संक्षिप्तता है । इस संक्षिप्तता के कारण व्यवसाय की स्थिति स्पष्ट रूप पता लगाया जा सकता है । जब कभी व्यवसाय के क्रिया - कलापों में उतार - चढ़ाव आ रहे हैं तो उस स्थिति में यह विधि विशेष रूप से उपयोगी होती है । इसके अतिरिक्त इसमें चिट्ठे व आय विवरण की विभिन्न मदों के क्रमशः कुल योग एवं बिक्री से निकाले गए प्रतिशतों की तुलना व्यवसाय के अंतर्गत इनके लिए पूर्व निर्धारित प्रमापों से करके महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं ।
सामान्य आकार के विवरणों की कमियां (Limitations of Common Size Statements)
सामान्य आकार के चिट्ठे व लाभ हानि विवरण में एक वर्ष की मदों का दूसरे वर्ष की मदों (figures) से क्षैतिज तुलना (Horizontal Comparison) में संबंधों की प्रवृत्तियों का ही अध्ययन होता है । ये व्यक्तिगत मदों की प्रवृत्तियों के संबंध में सूचनाएं नहीं देते । इसलिए इनकी उपयोगिता सीमित हो जाती है । इसके अलावा इसी कारण से संस्था के द्वारा निर्णय इसके आधार पर नहीं किए जाते ।
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