कर निर्धारण की कार्यविधि किसे कहते हैं ?
(Tax Assessment Procedure in hindi)
कर निर्धारण की कार्यविधि (Tax Assessment Procedure) :- कर निर्धारण की कार्यविधि में वे सारी की सारी प्रक्रियाएं शामिल हैं जो भारतीय आयकर अधिनियम के अनुसार कर निर्धारण के लिए अति आवश्यक हैं । प्रत्येक करदाता को आयकर अधिनियम के प्रावधानों का पालन करते हुए अपनी आय की विस्तृत जानकारी आयकर विवरणी (Income tax Return) के माध्यम से आयकर विभाग को ऑनलाइन (Online) आयकर पोर्टल के माध्यम से देनी होती है । करदता के द्वारा आयकर विवरणी (Income tax Return) प्रस्तुत करने के बाद आयकर विभाग द्वारा आयकर निर्धारण के लिए आयकर विवरणों के प्रसंस्करण (Processing) की प्रक्रिया शुरू की जाती है ।
कर निर्धारण की कार्यविधि से आशय आयकर अधिनियम की एक ऐसी प्रणाली से है जिसके अंतर्गत कर निर्धारिति (Tax assessee) के द्वारा उन प्रक्रियाओं के पालन से है जिसके अंतर्गत उसके ऊपर कर दायित्व सौंपा जाए । निम्न दो चरणों को कर निर्धारण विधि के अंतर्गत समझा जा सकता है :-
1. कर निर्धारिति के द्वारा गत वर्ष की आय से संबधित आयकर विवरणी का प्रस्तुतिकरण या आयकर विवरणी को जमा करना
2. आयकर अधिकारियों के द्वारा निर्धारण वर्ष (Assessment year) में गत वर्ष से संबंधित निर्धारिति के द्वारा जमा किए गए आयकर विवरणी का आयकर विधानों के अनुसार कर का निर्धारण ।
विस्तार से :-
1. कर निर्धारिती के द्वारा गत वर्ष की आय से संबधित आयकर विवरणी का प्रस्तुतिकरण या आयकर विवरणी को जमा करना :- जब कर निर्धारिती के द्वारा गत वर्ष की आय से संबधित आयकर विवरणी को जमा किया जाता है तो उसके आय के स्रोत के अनुसार विभिन्न फॉर्मों में उसे अपनी आय का ब्यौरा निर्धारण वर्ष में इनकम टैक्स ई फाइलिंग पोर्टल (https://www.incometax.gov.in/iec/foportal/) के माध्यम से देना होता है । जब निर्धारिती के द्वारा आयकर विवरणी के माध्यम से विभिन्न कटौतियों का लाभ लेते हुए इनकम टैक्स ई फाइलिंग पोर्टल पर जमा कर दिया जाता है तो कर दायित्व के समय कर जमा करने के बाद जमा किए गए रिटर्न को आधार OTP के माध्यम से ई वेरिफाई करवाया जाता है । आधार वेरिफिकेशन के बाद ही प्रस्तुत आयकर विवरणी आयकर अधिकारियों के द्वारा कर निर्धारण प्रसंस्करण (Processing) के लिए स्वीकार किया जाता है । कर निर्धारिती जिसे करदाता भी कह सकते हैं के द्वारा जब आयकर विवरणी भरी जाती है तो उनके आय के स्रोतों के अनुसार उनके द्वारा निम्न फॉर्मों का उपयोग किया जाता है ।
• ITR - 1 सहज
• ITR - 2
• ITR - 3
• ITR - 4
• ITR - 4S सुगम
• ITR - 5
• ITR - 6
• ITR - 7
2. आयकर अधिकारियों के द्वारा निर्धारण वर्ष (Assessment year) में गत वर्ष से संबंधित निर्धारिति के द्वारा जमा किए गए आयकर विवरणी का आयकर विधानों के अनुसार कर का निर्धारण :- जब करदाता आयकर विवरणी (Income Tax Return) जमा कर देता है और कर दायित्व के अनुसार कर जमा कर देता है तब उसके बाद से आयकर अधिकारियों के द्वारा उसके द्वारा जमा किए गए रिटर्न एवं कर को आयकर अधिनियम के विधानों का अनुपालन करते हुए चेक किया जाता है । जब सारी सूचनाएं सही और उचित पाई जाती हैं तो जो भी रिफंड की राशि होती है उसे आयकर दाखिल करते समय करदाता द्वारा प्रस्तुत फॉर्म में दिए गए खाता नंबर के माध्यम से करदाता के खाते में रिफंड की राशि भेज दी जाती है । लेकिन आयकर विवरणी में कोई गलती पाई जाती है तो आयकर अधिकारियों के द्वारा करदाता को नोटिस भेजा जाता है ।
उपर्युक्त सारी प्रक्रिया को कर निर्धारण की कार्यविधि (Tax Assessment Procedure) के रूप में समझा जा सकता है ।
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