इनकम टैक्स अपील किसे कहते हैं ?
(Income Tax Appeal in Hindi)
इनकम टैक्स अपील का परिचय (Introduction of Income Tax Appeal in Hindi)
सामान्यतः देखा जाता है कि कोई भी केस हो सबसे पहले सिविल कोर्ट में दायर किया जाता है । जहां उसकी सुनवाई होती है । उसके बाद पीड़ित पक्षकार को लगता है कि इस निर्णय में कोई त्रुटि रह गई है या वो सहमत नहीं है इस संबंधित निर्णय से हो न्याय के लिए आगे हाई कोर्ट में अपनी याचिका दायर करता है । वहां से भी संतुष्टि न मिलने पर वह अंत में सुप्रीम कोर्ट जा सकता है । लेकिन आय से संबधित मामलों की याचिका इस तरह से नहीं दायर की जाती है । इसके लिए अलग मार्ग बनाए हैं ।
भारतीय आयकर अधिनियम 1961 के अनुसार अपील से आशय उन करदाताओं के द्वारा इस अधिनियम के अंर्तगत याचिका दायर करने से है जिन्हें लगता है कि उनके ऊपर गलत या अनुचित तरीके से कर लगाया गया है । अपील उन करदाताओं के द्वारा किया जा सकता है जिनका मानना है कि करदाता के द्वारा की गई कर की गणना तथा आयकर अधिकारी के द्वारा की गई कर की गणना में अंतर है । आयकर अपील उन व्यक्तियों के द्वारा भी किया जा सकता है जिन्हें आयकर विभाग द्वारा उदगम के स्थान पर कटौती की कटौती न करने तथा संग्रह न करने के लिए और उसे सरकार को भुगतान न करने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है ।
एक व्यक्ति जो आयकर अपील दायर करना चाहता है, उसके लिए यह आवश्यक है कि वह पहले उन करों का भुगतान करे जिनका वे भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं। यदि देय करों का भुगतान नहीं किया गया है, तो अपील दायर करने की अनुमति नहीं है। यह अपील मांग या आदेश जैसी भी स्थिति हो के 30 दिनों के भीतर दायर किया जाता है ।
हालांकि, यदि आयुक्त यह निर्धारित करता है कि अपीलकर्ता द्वारा आदेश प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर अपील दायर नहीं करने का अच्छा और पर्याप्त कारण था, तो वह अपील स्वीकार करने के लिए सहमत हो सकता/सकती है। यह सुनिश्चित करने के लिए, अपीलकर्ता को एक अतिरिक्त आवेदन प्रस्तुत करना होगा जो आवेदन जमा करने में देरी के कारणों का विवरण देता है और देरी के कारणों को प्रस्तुत करता है।
आयुक्त द्वारा भरे हुए फॉर्म को प्राप्त करने के बाद, सुनवाई के लिए एक तिथि निर्धारित की जाती है, जिसकी सूचना अपीलकर्ता और निर्धारण प्राधिकारी, जिनके आदेश के खिलाफ अपील जारी की गई है, दोनों को नोटिस जारी करके दी जाती है। तर्कों और प्रत्येक के संभावित औचित्य के आधार पर अपील पर या तो करदाता या अधिकारी के पक्ष में अंतिम आदेश जारी किया जाता है।
अपील करने की प्रक्रिया (Process for Appeal)
कोई निर्धारिती, कटौतीकर्ता या फिर स्रोत पर करों को संग्रह करने वाला जो भी कर निर्धारण अधिकारी के द्वारा पास किए गया ऑर्डर से पीड़ित हो या संतुष्ट न हो वो सर्वप्रथम कमिश्नर (अपील) को अपील दायर करेगा । फिर उसके बाद कोई निर्धारिती, कटौतीकर्ता या फिर स्रोत पर करों को संग्रह करने वाला, प्रधान कमिश्नर या इनकम टैक्स कमिश्नर जो भी हो वह यदि कमिश्नर (अपील) के द्वारा पास किए गए ऑर्डर से असंतुष्ट है तो अपेलीट ट्रिब्यूनल में अपील दायर कर सकता है। उसके बाद उपरोक्त पीड़ित पक्षकार इसी दिशा में हाई कोर्ट तथा अंतः सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए अपील कर सकते हैं । भारतीय आयकर अधिनियम के अंतर्गत इसी मार्ग से आय से सम्बन्धित मामलों की सुनवाई के संबंध में जानकारी दी गई है ।
Commissioner Appeal - Income tax Appellate Tribunal - High Court - Supreme Court
अपील के अंर्तगत आने वाली धाराएं (Sections Covered under Appeal)
1. Sec 246 - 251 - कमिश्नर (अपील) से पहले की अपील
2. Sec 252 - 256। - अपीलेट ट्रिब्यूनल को अपील
3. Sec 260A - 260B - हाई कोर्ट को अपील
4. Sec 261 - 262 - सुप्रीम कोर्ट को अपील
5. Sec 263 - 264 - ऑर्डर की पुनरावृत्ति
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