स्थायी खाता संख्या (पैन) किसे कहते हैं ?
(Permanent Account Number (Pan) in Hindi)
स्थायी खाता संख्या (पैन) का परिचय [Introduction of Permanent Account Number (Pan)] :-
स्थायी खाता संख्या (पैन) जिसे अंग्रेजी में Permanent Account Number भी कहते हैं , यह दस अक्षरांकीय (Alphanumeric) अद्वितीय (Unique) संख्या है जो आयकर विभाग (Income Tax Department) के द्वारा लेमिनेटेड कार्ड के रूप में जारी किया जाता है । इसे स्थायी खाता संख्या इसलिए कहा जाता है क्योंकि पता या स्थान बदलने पर भी यह बदलता नहीं है । पैन आवश्यकतानुसार व्यक्तियों (Individuals) फर्मों (Firms) कम्पनियों आदि को उनके द्वारा आवेदन करने पर आयकर विभाग के द्वारा जारी किया जाता है ।
स्थायी खाता संख्या (पैन) के दस अक्षरांकीय संख्याओं को कुछ इस तरह से समझा जा सकता है :-
1. पहले पांच अक्षर होते हैं जिनमें से पहले तीन अक्षर A से Z के बीच आने वाले वर्णानुक्रम श्रृंखला के रूप में होते हैं । जैसे APS या ODK कोई भी अक्षर हो सकते हैं ।
2. स्थायी खाता संख्या (पैन) कार्ड का चौथा अक्षर पैन धारक की स्थिति का प्रतिनिधित्व करता है यानि किसने पैन धारण किया हुआ है या फिर किसको पैन इनकम टैक्स के माध्यम से जारी किया गया है उसके बारे में बताता है ।
जैसे :-
• P किसी व्यक्ति (महिला या पुरुष) के लिए होता है ।
• C कंपनी (Company) के लिए होता है ।
• H हिन्दू अविभाजित परिवार (Hindu Undevided Family) के लिए होता है ।
• A व्यक्तियों के संघ (Association of Persons) के लिए होता है ।
• B व्यक्तियों के निकाय (Body of Individuals) के लिए होता है ।
• G सरकारी एजेंसियों (Government Agencies) के लिए होता है
• J कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति (Artificial Judicial Person) के लिए होता है ।
• L स्थानीय प्राधिकारी या स्थानीय प्राधिकरण (Local Authority)के लिए होता है ।
• F फर्म यानी साझेदारी व्यवसाय या सीमित दायित्व वाली साझेदारी व्यवसाय (Firm or Limited Liability Partnership) के लिए होता है ।
• T ट्रस्ट (Trust) के लिए होता है ।
जैसे यदि किसी व्यक्ति का पैन होगा तो कुछ इस प्रकार से होगा - DESIK6643L
3. स्थायी खाता संख्या (पैन) कार्ड का पांचवा अक्षर पैन धारक के अंतिम नाम या उपनाम के बारे में बताता है यदि पैन धारक कोई व्यक्ति (Individuals) है तो । इसके अलावा पैन धारक व्यक्ति के अलावा है तो पांचवा अक्षर पैन धारक के नाम के पहले अक्षर के बारे में बताता है ।
4. स्थायी खाता संख्या (पैन) के अगले चार (छठवें, सातवें, आठवें, नौवें) अंक क्रमानुसार 0001 से 9999 कोई भी हो सकते हैं ।
5. स्थायी खाता संख्या (पैन) का अंतिम यानी दसवां अक्षर सभी आंखों एवं अक्षरों को चेक करने के लिए होता है ।
स्थायी खाता संख्या (पैन) की उपयोगिता क्या है ? (Utility of Permanent Account Number)
पैन की उपयोगिता आयकर विभाग और पैन धारक दोनों के लिए अलग अलग है और महत्वपूर्ण है । जो इस प्रकार से हो सकता है :-
1. पैन धारकों (Holder of Pan) के लिए उपयोगिता :- पैन धारकों के लिए पैन कार्ड निम्न रूपों में उपयोगी है यानी निम्न कार्यों के लिए पैन कार्ड की उपयोगिता है :-
• आयकर दाखिल करने के लिए
• बैंक से पचास हजार से अधिक की निकासी के लिए
• बैंक में खाता खुलवाने के लिए
• क्रेडिट कार्ड एवं लोन लेने के लिए
• वाहन, महंगे आभूषण , किसी अचल संपत्ति को खरीदने के लिए
• ऑनलाइन व्यापार करने के लिए
• जीएसटी पंजीकरण के लिए
• किसी भी संस्था के निर्माण के लिए
• विदेशी मुद्रा के हस्तानांतरण के लिए
• विदेश यात्रा के लिए
• पासपोर्ट बनवाने के लिए आदि।
नोट :- उपरोक्त के अलावा तमाम जगहों पर तमाम कार्यों में पैन धारकों के लिए पैन कार्ड यानी स्थायी खाता संख्या की उपयोगिता है ।
2. आयकर विभाग (Income Tax Department) के लिए पैन की उपयोगिता:- आयकर विभाग (Income Tax Department) के लिए पैन की उपयोगिता को निम्न रूपों में समझा जा सकता है ।
• आयकर विभाग के द्वारा पैन की सहायता से पैन से जुड़े पैन धारकों के द्वारा आयकर विभाग के साथ किए गए सभी प्रकार के लेन देनों का पता लगाया जा सकता है । इन सभी लेन देनों में आयकर भुगतान, टीडीएस तथा टीसीएस का क्रेडिट, इनकम टैक्स दाखिल करने के साथ साथ सभी विशेष प्रकार के लेनदेन तथा पत्राचार शामिल हैं ।
• आयकर विभाग के द्वारा पैन के माध्यम से पैन धारकों के द्वारा किए गए सभी प्रकार के निवेशों, ऋण के साथ साथ तमाम तरह के वित्तीय व्यवहारों का पता लगाया जा सकता है तथा उन सबका मिलान किया जा सकता है ।
पैन कौन कौन ले सकता है ? (Who has to obtain PAN?)
पैन लिया जा सकता है .....
• प्रत्येक व्यक्ति के द्वारा जिसकी कुल आय या किसी अन्य व्यक्ति की कुल आय जिसके संबंध में वह अधिकतम धनराशि की सीमा पार कर जाता है जो कर योग्य नहीं है ।
• एक धर्मार्थ न्यास (Charitable Trust) जिसे आयकर अधिनियम की धारा 139(4A) के अंतर्गत आयकर विवरणी (Income Tax Return) जमा करना होता है ।
• प्रत्येक व्यवसायी, पेशेवर द्वारा जिसका कुल विक्रय , आवर्त (Turnover) या सकल आगम एक वर्ष में पांच लाख से अधिक हो ।
• जिस व्यक्ति को पैन कार्ड का इस्तेमाल करके ऐसा लेनदेन करने की जरूरत है, जहां पैन कार्ड अनिवार्य है ।
• प्रत्येक अनिवासी व्यक्तियों एवं उनसे जुड़े हुए व्यक्तियों के द्वारा पैन के लिए आवेदन किया जा सकता है यदि वर्ष के दौरान उनके द्वारा किए गए वित्तीय लेन देन ₹ 2,50,000 की अधिकतम सीमा को पार कर जाते हैं ।
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