भौतिक वितरण किसे कहते हैं ?
(Physical Distribution Management in Hindi)
भौतिक वितरण का अर्थ (Meaning of Physical Distribution)
भौतिक वितरण से तात्पर्य किसी कंपनी के द्वारा उत्पादित वस्तुओं को सही समय पर, सही स्थान पर एवं सही मात्रा में पहुंचाने से है । इसमें ऑनलाइन वेबसाइट के द्वारा वस्तुओं का वितरण भी सम्मिलित है ।
जब किसी कंपनी के द्वारा उसके उत्पादों का उत्पादन कर लिया जाता है तो उसके बाद ये समस्या आती है कि वह कंपनी अपने उत्पादों को जिन उपभोक्ताओं तक पहुंचाना चाहती है उनके पास कैसे पहुंचाए ? इस स्थिति में जब कंपनी तमाम तरह के यातायात साधनों के माध्यम से उपभोक्ता द्वारा आदेशित वस्तु को जब उपभोक्ता तक पहुंचाती है तो इसे ही भौतिक वितरण कहा जाता है ।
भौतिक वितरण की परिभाषा (Definition of Physical Distribution)
1. कंडीफ एवं स्टील के अनुसार :- वस्तुओं के उत्पादन के बाद किंतु उपभोग से पहले उसका वास्तविक रूप में एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाना भौतिक वितरण के अंतर्गत आता है ।
2. वेंडेम एम. स्मिथ :- भौतिक वितरण व्यवसाय संभरण (Logistics) का विज्ञान है जो जिसके द्वारा उचित वस्तु, उचित मात्रा में उस स्थान पर उपलब्ध की जाती है जहां उसकी मांग उपलब्ध होती है । इस प्रकार भौतिक वितरण निर्माण तथा मांग सृजन के बीच की प्रमुख श्रृंखला है ।
भौतिक वितरण व्यवस्था को प्रभावित करने वाले घटक या तत्व (Factors Affecting Physical Distribution System)
1. बाज़ार (Market)
2. उत्पाद (Product)
3. वितरण वाहिकाएं (Distribution Channels)
4. संसाधन स्थिति (Resource Position)
5. संघटक उपलब्धता (Component Availability)
भौतिक वितरण प्रबंध में निर्णय के क्षेत्र (Decisions Areas in Management of Physical Distribution)
1. स्टॉक का आकार निर्णय (Size of Inventory Decisions)
2. भंडारण निर्णय (Warehousing Decisions)
3. परिवहन निर्णय (Transportation Decisions)
4. वस्तुओं के उतार चढ़ाव निर्णय (Handling of Goods Decisions)
5. आदेश का आकार निर्णय (Size of Order Decision)
6. आदेश निर्णय को पूरा करने की प्रक्रिया (Procedure to Process the Order Decision)
भौतिक वितरण प्रणाली का महत्व (Importance of Physical Distribution System)
1. वितरण लागत में कमी (Reduction in Distribution Costs)
2. बिक्री का सृजन करना (Creation of Sales)
3. उत्पादन तथा उपभोग में समायोजन करना (Adjustment in Production and Consumption)
4. मूल्य स्थिरीकरण में सहायक (Helps in Stabilize Prices)
5. उत्पाद नियोजन में सहायक (Help in Product Planning)
6. वितरण मार्ग का निर्धारण (Determination of Distribution Route)
7. समय एवं स्थान उपयिगिताओं का सृजन (Creation of Time and Place Utilities)
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