बाज़ार विभक्तिकरण या स्थितिकरण किसे कहते हैं ?
(Segmentation & Positioning of Market)
बाज़ार विभक्तिकरण या स्थितिकरण का अर्थ (Meaning of Segmentation & Positioning of Market)
बाज़ार विभक्तिकरण से आशय बाजार को उपभोक्ताओं की रुचियों, गुणों, आवश्यकताओं एवं उनकी उम्र आदि के अनुसार विभिन्न बाजारों अथवा खंडों एवं उप - बाजारों अथवा उप - खंडों में विभाजित किए जाने से है । इसी के आधार पर सभी कंपनियां अपने उत्पाद को विभिन्न क्षेत्रों में वितरित करती हैं ।
जैसे :- Abc Ltd कोई कम्पनी है जो FMCG उत्पादों का उत्पादन करती है । तो यह कंपनी भारत के विभिन्न क्षेत्रों एवं वहां के उपभोक्ताओं एवं उन उपभोक्ताओं की उम्र के अनुसार ही उत्पादन करेगी । यदि उसे कोई वस्तु केरल में बेचना है तो वहां के उपभोक्ताओं के अनुसार, यदि उत्तर प्रदेश में बेचना है वहां के उपभोक्ताओं के अनुसार यदि गुजरात में रहने वाले उपभोक्ताओं एवं उनकी उम्र के अनुसार उत्पादित करेगी और बेचेगी ।
बाजार विभक्तिकरण की परिभाषा (Definition of Market Segmentation)
1. ए. रॉबर्ट के अनुसार :- बाजार विभक्तिकरण बाजारों को टुकड़ों में बांटने की रीति नीति है ताकि उस पर विजय प्राप्त की जा सके ।
2. विलियम जे. स्टेंटन के अनुसार :- बाज़ार विभक्तिकरण से आशय किसी उत्पाद के सम्पूर्ण विजातीय बाज़ार को अनेक उप बाजारों या उप खंडों में इस प्रकार से विभाजित करने से है कि प्रत्येक उप बाजार , उप खंड में सभी महत्वपूर्ण पहलुओं में समजातीयता हो ।
3. अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन के अनुसार :- बाजार विभक्तिकरण से आशय एक विजातीय बाज़ार के सापेक्षिक समजातीय लक्षणों वाले छोटे ग्राहक खंडों में, जिन्हें फर्म संतुष्ट कर सकती है, विभक्त करने से है ।
बाज़ार विभक्तिकरण के उद्देश्य (Objectives of Market Segmentation)
1. उपभोक्ताओं को प्रत्येक वर्ग के लिए उपयुक्त विपणन कार्यक्रम तैयार करने के लिए उनकी सामान्य प्रकृति, रुचियों, स्वभाव, गुणों एवं आवश्यकताओं के अनुरूप समजातीय वर्गों में बांटना ।
2. ग्राहकों की रुचियों, क्रय आदतों, आवश्यकताओं, प्राथमिकताओं का पता लगाना ।
3. विपणन रीति - नीतियाँ एवं लक्ष्य निर्धारित करना ।
4. व्यवसाय के कार्यों को उपभोक्ताओं के अनुसार करना ।
5. उन क्षेत्रों का पता लगाना जिनमें प्रयत्न करने पर ग्राहक बनाए जा सकते हैं और विपणन क्षेत्र का विस्तार किया जा सकता है ।
बाजार विभक्तिकरण के विभिन्न ढंग एवं विधियां (Different Methods of Market Segmentation)
1. प्रत्येक व्यक्तिगत क्रेता को एक वर्ग या खंड मानना (Every Individual Buyer a Seperate Segment)
2. क्रेताओं के व्यापक वर्ग या खंड बनाना (Board Classes or Segments of Buyers)
बाज़ार विभक्तिकरण के लाभ अथवा महत्व (Benefits or Importance of Market Segmentation)
1. साधनों का उचित प्रयोग (Proper Utilisation of Resources)
2. सुदृढ़ एवं प्रभावशाली विपणन कार्यक्रम (Sound & Effective Marketing Programme)
3. विपणन आवश्यकताओं को जानना एवं उनकी तुलना करना संभव (Spotting Marketing Opportunities and their Comparison)
4. प्रतियोगिता का अधिक प्रभावशाली ढंग से सामना करना संभव (Meeting the Competition Effectively)
5. उपयुक्त विज्ञापन अपील (Suitable Market Appeal)
6. विपणन बजट का बंटवारा (Allocation of Market Budget)
7. उत्पाद निष्ठा (Product Loyalty)
8. उपयुक्त उत्पाद पंक्ति का चयन (Selection of Suitable Product Line)
प्रभावी बाजार विभक्तिकरण की आवश्यकताएं (Requirements for an Effective Market Segmentation)
1. पहचान (Identity)
2. मापन योग्यता (Measurability)
3. सुगम पहुंच संभव (Easy Accessibility)
4. पर्याप्त आकार (Sustantiality)
5. बाजार प्रतिक्रिया (Market Responsiveness)
6. मांग की प्रकृति (Nature of Demand)
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