पूँजी लाभ शीर्षक के अंतर्गत हानि
(Loss under the head ' Capital Gains ')
यदि संपत्ति प्राप्त करने की लागत शुद्ध विक्रय प्रतिफल से अधिक है तो यह आधिक्य पूंजी हानि होगी जो अल्पकालीन अथवा दीर्घकालीन किसी भी प्रकार की हो सकती है । पूंजी हानि का समायोजन हानि वाले वर्ष में इसी शीर्षक के अन्तर्गत किसी अन्य संपत्ति पर पूंजी लाभ से की जा सकती है, अन्य किसी शीर्षक की आय से नहीं । यदि सम्पूर्ण हानि की पूर्ति नहीं हो सके तो न पूरी हुई शेष हानि को अगले वर्षों के पूंजी लाभ से घटाया जायेगा ।
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