मकान संपत्ति से आय की गणना (Computation of Income from House Property)

मकान संपत्ति से आय की गणना 
(Computation of Income from House Property)

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Computation of Income from H.P.


जब कभी भी मकान संपत्ति से आय की गणना की जाती है तो, निम्न बातों पर ध्यान दिया जाता है :- 

1. सकल वार्षिक मूल्य का निर्धारण । 
2. वार्षिक मूल्य या शुद्ध मूल्य की गणना करना ।
3. शुद्ध वार्षिक मूल्य में से कटौतियां करना ।

1. सकल वार्षिक मूल्य का निर्धारण (Computation of Gross Total Income) :- जब कभी भी मकान के वार्षिक मूल्य का निर्धारण किया जाता है तो मकान मालिक को पूरे गत वर्ष में किरायेदार के द्वारा कुल किराया कितना प्राप्त हुआ है इसका निर्धारण किया जाता है । इसी को सकल वार्षिक मूल्य कहा जाता है । मकान संपत्ति के सकल वार्षिक मूल्य का निर्धारण कुछ घटकों पर निर्भर करता है । जैसे , मकान का नगरपालिक मूल्य, मकान का उचित किराया, किरायेदार से वास्तव में प्राप्त किराया, मकान का प्रमापित या मानक किराया इत्यादि । सकल कुल आय का निर्धारण करते समय गणना के समय हमेशा उचित किराये को लिया जाता है न कि वास्तविक किराये को ।

किसी मकान के सकल वार्षिक मूल्य की गणना करने हाथ निम्न दो बिंदुओं की गणना की जाती है :- 
A. संपत्ति का उचित प्रत्याशित किराया (Reasonably expected rent of Property) :- मकान संपत्ति का उचित प्रत्याशित किराया वह रकम मानी जाती है जो निम्न दोनों में से अधिक हो :- 
(i) संपत्ति का नगरपालिका मूल्यांकन (Municipal valuation of the Property)
(ii) संपत्ति का उचित किराया (Fair Rent of the Property)

नोट:- उपरोक्त दोनों में से अधिक रकम मानक किराये से अधिक नहीं हो सकती ।

B. वास्तविक प्राप्त या प्राप्य किराया (Actual rent received or receivable) :- वास्तविक प्राप्त या प्राप्य किराया वह किराया है जो मकान मालिक को किरायेदार से वास्तविक रूप में प्राप्त या प्राप्य होता है । 

सकल कुल आय की गणना करते समय A और B दोनों में से जो भी राशि अधिक होती है उसी को मकान संपत्ति का वर्षीय मूल्य निर्धारित किया जाता है । 

सकल वार्षिक मूल्य = उचित प्रत्याशित किराया या वास्तविक प्राप्त या प्राप्य किराया (दोनों में से जो अधिक हो)

2. वार्षिक मूल्य या शुद्ध मूल्य की गणना करना (Computation of Annual Value or Net Annual Value)

वार्षिक मूल्य (Annual Value) आयकर अधिनियम की धारा 23(1) के अंतर्गत किसी संपत्ति के वार्षिक मूल्य को निम्न शब्दों में परिभाषित किया गया है :- 

A. वार्षिक मूल्य का तात्पर्य उस राशि से है जितने में संपत्ति उचित रूप से प्रति वर्ष किराये पर उठाई जा सकती है, अथवा
B. यदि संपत्ति किराये पर उठाई हुई है और संपत्ति पर प्राप्त होने वाला वार्षिक किराया उपर्युक्त A में वर्णित उचित किराये से अधिक है तो प्राप्त अथवा प्राप्त होने वाला किराया ।
C. जहां संपत्ति या संपत्ति का कोई हिस्सा किराये पर दिया गया है और गत वर्ष या गत वर्ष के किसी अवधि के दौरान खाली था और इस तरह खाली होने के कारण मालिक द्वारा संबंध में प्राप्त या प्राप्य वास्तविक किराया ऊपर वर्णित A की राशि से कम है तो ऐसा प्राप्त या प्राप्य होने वाला किराया ।

वार्षिक मूल्य या शुद्ध मूल्य की गणना करना :- आयकर अधिनियम में वार्षिक मूल्य शब्द का प्रयोग किया गया है । अधिनियम के अनुसार मकान का वार्षिक मूल्य वह मूल्य है को मकान के संबंध में नगरपालिका करों को घटाने से बचता है । नगरपालिका करों को घटाने से पहले को मूल्य है उसे सकल वार्षिक मूल्य कहा जाता है । वार्षिक मूल्य की गणना की प्रक्रिया इस प्रकार से है :- 

Step 1. सबसे पहले मकान का सकल वार्षिक मूल्य ज्ञात किया जाता है ।
Step 2. सकल वार्षिक मूल्य में से नगरपालिका करों को घटाया जाता है ।

3. शुद्ध वार्षिक मूल्य में से कटौतियां करना (Deduction out of Net Annual Value)

आयकर अधिनियम की धारा 24(1) के अनुसार, ' मकान संपत्ति से आय ' शीर्षक के तहत कर योग्य आय की गणना के लिए मकान के शुद्ध वार्षिक मूल्य में से निम्न दो कटौतियां घटाई जाती हैं । जो इस प्रकार से हैं :- 

1. किराये पर उठे मकानों के लिए वैधानिक कटौती (Statutory deduction for let out House)
2. मकान मालिक द्वारा मकान के लिए लिये हुए ऋण पर ब्याज (Interest on loan taken for the House by Owner)

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