मकान संपत्ति से आय शीर्षक से हानि
(Loss under the head of Income from House Property)
जब किसी मकान संपत्ति के समायोजित वार्षिक मूल्य में से दी जाने वाली कटौतियों का योग उसके समायोजित वार्षिक मूल्य से अधिक होता है तो इस आधिक्य को मकान संपत्ति से हानि कहते हैं । यह हानि निम्न दो प्रकार से हो सकती है :-
1. स्वयं के रहने वाले मकान के संबंध में हानि :- करदाता द्वारा स्वयं के रहने में प्रयुक्त मकान का वार्षिक मूल्य शून्य होता है तथा ऐसे मकान के संबंध में लिए गए ऋण पर ब्याज की कटौती अधिकतम ₹30,000/₹2,00,000 तक दी जाती है जिसके परिणामस्वरूप ऐसे मकान के संबंध में हानि होती है । इस हानि की पूर्ति उन मकानों की आय से की जाती है जो किराये पर उठे हुए हैं ।
2. पूरे गत वर्ष किराये पर उठे हुए मकान से हानि :- जो मकान पूरे वर्ष किराये पर उठे हुए होते हैं उनके शुद्ध वार्षिक मूल्य में से जो कटौतियाँ प्रदान की जाती हैं उनका योग शुद्ध वार्षिक मूल्य से अधिक है तो इस आधिक्य को मकान संपत्ति की हानि कहा जाता है । यह हानि अन्य किराये पर उठे मकान की आय में से घटाई जा सकती है । इसके बाद शेष अशोधित हानि की पूर्ति आय के किसी भी शीर्षक से की जा सकती है ।
3. यदि किसी गत वर्ष में इस शीर्षक के अंतर्गत हानि ₹2,00,000 से अधिक है तो वह आधिक्य उस गत वर्ष में अन्य किसी भी आय के शीर्षक से घटाया नहीं जा सकता है ।
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