ग्रेच्यूटी या अनुग्रह राशि किसे कहते हैं ?
(Gratuity in Hindi)
ग्रेच्यूटी एक स्वैच्छिक या एकमुश्त भुगतान है जो एक नियोक्ता द्वारा अपने कर्मचारियों को उसके अवकाश ग्रहण करने पर उसके द्वारा प्रदान की गई सेवाओं की सराहना या सेवाओं के प्रतिफल में प्रदान किया जाता है । यदि किसी कर्मचारी की सेवाकाल के दौरान मृत्यु हो जाती है तो उसके उत्तराधिकारी को नियोक्ता से ग्रेच्यूटी की धनराशि प्राप्त होती है । इसे मृत्यु तथा अवकाश ग्रहण करने पर ग्रेच्यूटी (Death - cum - retirement Gratuity) भी कहते हैं ।
ग्रेच्यूटी की धनराशि :-
• कर्मचारी द्वारा स्वयं अपने अवकाश - ग्रहण पर प्राप्त की जाती है , अथवा
• कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके वैध उत्तराधिकारी (Legal heir) द्वारा प्राप्त की जाती है ।
ऐसी प्राप्त ग्रेच्यूटी की राशि का कुछ भाग कर मुक्त होता है तथा शेष भाग कर योग्य । कर्मचारी द्वारा प्राप्त की गई ग्रेच्यूटी की राशि वेतन शीर्षक के अन्तर्गत कर योग्य होती है, जबकि कर्मचारी के उत्तराधिकारियों द्वारा प्राप्त राशि ' अन्य साधनों से आय ' शीर्षक में कर योग्य होती है । इस कर योग्य ग्रेच्यूटी की गणना के उद्देश्य से कर्मचारियों को निम्न दो श्रेणियों में बांटा जा सकता है :-
1. सरकारी या शासकीय तथा स्थानीय सत्ता के कर्मचारी (Government Employees and Employees of Local Authorities)
2. गैर - सरकारी या अशासकीय कर्मचारी (Non Government Employees)
1. सरकारी या शासकीय तथा स्थानीय सत्ता के कर्मचारी (Government Employees and Employees of Local Authorities) :- केंद्र सरकार के कर्मचारी राज्य सरकार के कर्मचारी तथा स्थानीय सत्ता के कर्मचारी इस श्रेणी में आते हैं लेकिन इसमें वैधानिक निगम के कर्मचारी नहीं आते हैं इनके द्वारा प्राप्त ग्रेच्युटी की संपूर्ण राशि अथवा इनके उत्तराधिकार द्वारा प्राप्त ग्रेच्युटी की संपूर्ण राशि कर मुक्त होती है अर्थात ऐसे कर्मचारी द्वारा प्राप्त ग्रेच्युटी का कोई भी भाग न तो उसके वेतन शीर्षक में जोड़ा जाएगा और न ही कर्मचारी की मृत्यु पर उसके उत्तराधिकारी को प्राप्त ग्रेच्युटी की राशि का भाग अन्य साधनों से आए शीर्षक में जोड़ा जाएगा । यदि शासकीय कर्मचारियों की सेवाएं अन्य किसी संस्था को उधार दे दी जाती हैं तो भी सरकार से प्राप्त व्यक्ति की राशि पूर्णतया कर मुक्त होगी ।
2. गैर - सरकारी या अशासकीय कर्मचारी (Non Government Employees) :- गैर सरकारी या अशासकीय कर्मचारियों द्वारा प्राप्त ग्रेच्युटी की राज्य को एक निर्धारित सीमा तक कैसे छूट प्राप्त होगी । इन कर्मचारियों को दो वर्गों में रखकर कर मुक्त व्यक्ति की राशि के नियमों का अध्ययन किया जाता है :-
(A) ऐसे गैर सरकारी कर्मचारी जिन्हें ग्रेच्युटी का भुगतान ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 के अंतर्गत होता है अर्थात जो इस अधिनियम के अंतर्गत आते हैं :- इस अधिनियम के अंतर्गत सरकारी कारखानों और सरकारी कारखाना तथा प्राइवेट कारखानों बागानों खानों तेल क्षेत्रों बंदरगाहों तथा रेल कंपनियों में कार्य कर रहे कर्मचारी आते हैं इसके अंतर्गत ऐसी दुकानों तथा प्रतिष्ठानों में कार्यरत कर्मचारी भी आते हैं जाएं 1 वर्ष में किसी दिन भी 10 या 10 से अधिक कर्मचारी सेवा में रह रहे हैं अथवा रहे थे ।
ग्रेच्युटी की कर मुक्त राशि (Exempted Gratuity) :- ग्रेच्युटी की वह राशि कर मुक्त होगी जो निम्न 3 राशियों में से सबसे कम होगी तथा शेष राशि कर्मचारी के वेतन से आए में सम्मिलित होगी ।
(i) वास्तविक प्राप्त प्राप्त ग्रेच्युटी की राशि, या
(ii) नौकरी के प्रत्येक संपूर्ण वर्ष की सेवा के लिए 15 दिनों का वेतन तथा मौसमी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों के लिए 7 दिन की मजदूरी (15 दिन के स्थान पर) ली जाएगी । इसमें 6 माह या अधिक को पूरा वर्ष मान लेंगे तथा सबसे अधिकतम माह के प्राप्त वेतन को लेंगे ।
(iii) अधिकतम राशि ₹20,00,000 ।
ग्रेच्युटी के लिए वेतन का आशय :-
(i) वेतन = अंतिम माह का वेतन + महंगाई वेतन + महंगाई भत्ता (सेवा शर्तों के अंतर्गत हो या नहीं)
(ii) कमीशन, फीस, बोनस, मकान किराया भत्ता या अन्य किसी भत्ते को वेतन में शामिल नहीं किया जाता ।
(iii) एक माह को 26 दिन का माना जाएगा ।
(iv) 15 दिन के वेतन की गणना :-
अंतिम माह का वेतन (महंगाई भत्ता सहित)×15 / 26
(v) यदि कोई कर्मचारी ठेका पद्धति (Peice Rate) से मजदूरी या वेतन प्राप्त करता है तो इस अवकाश ग्रहण/मृत्यु के ठीक पूर्व के 3 माह के वेतन मजदूरी का औसत लिया जाएगा । 15 दिन के वेतन की गणना :-
अंतिम 3 माह को मासिक औसत मजदूरी या वेतन × 100 / 26
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