कंपनियों के एकीकरण के प्रकार (Types of Amalgamation of Companies)

कंपनियों के एकीकरण के प्रकार 
(Types of Amalgamation of Companies) 

Types of Amalgamation of Companies 


लेखा प्रमाप - 14 के अनुसार कंपनियों के एकीकरण के दो प्रकार होते हैं । जो इस प्रकार से हैं :- 

1. विलय के स्वभाव का एकीकरण (Amalgamation in the nature of merger) 
2. क्रय के स्वभाव का एकीकरण (Amalgamation in the Nature of Purchase)

अब विस्तार से :- 

1. विलय के स्वभाव का एकीकरण (Amalgamation in the nature of merger) :- जब किसी भी कंपनी का विलय के स्वभाव से एकीकरण होता है तो निम्न पाँच प्रावधानों का अध्ययन किया जाता है :- 

(i) एकीकरण के बाद हस्तांतरक कंपनी की सभी संपत्तियां एवं दायित्व हस्तांतरी कंपनी के हो जाते हैं।
(ii) एकीकरण के बाद हस्तांतरी कंपनी एवं उसकी सहायक कंपनियों द्वारा एकीकरण के पूर्व तक ग्रहण किए गए हस्तांतरक कंपनी के साधारण अंशों के अतिरिक्त अन्य साधारण अंशों के अंकित मूल्य के कम से कम 90% अंशधारी हस्तांतरी कंपनी के साधारण अंशधारी बन जायेंगे ।
(iii) हस्तांतरक कंपनी के वे सभी साधारण अंशधारी जो हस्तांतरी कंपनी के साधारण अंशधारी बनने के लिए स्वीकृति देते हैं, उन्हें हस्तांतरी कंपनी द्वारा अपने साधारण अंशों का निर्गमन करते हुए एकीकरण के प्रतिफल का पूर्णतः भुगतान किया जाएगा, किंतु आंशिक या खंडित अंशों का भुगतान नकदी में किया जाता है ।
(iv) हस्तांतरी कंपनी द्वारा एकीकरण के बाद हस्तांतरक कंपनी के व्यवसाय को चालू रखा जाता है ।
(v) हस्तांतरी कंपनी के वित्तीय विवरणों में हस्तांतरक कंपनी की संपत्तियों एवं दायित्वों को उनके पुस्तकीय मूल्य पर प्रदर्शित किया जाता है । यदि दोनों कंपनियों की लेखांकन नीति में कोई अंतर हो तो एकरूपता लाने के उद्देश्य से आवश्यक समायोजन (Adjustment) किए जाते हैं । 

2. क्रय के स्वभाव का एकीकरण (Amalgamation in the Nature of Purchase) :- जब कंपनी का विलय के स्वभाव से एकीकरण किया जाता है तो जिन शर्तों का पालन अनिवार्य होता है उनमें से पूरे या फिर किसी एक भी शर्त का पालन न होने पर उस प्रक्रिया को क्रय के स्वभाव से एकीकरण माना जाता है । इन शर्तों में पांच उपरोक्त शर्तें हैं । इस प्रकार के एकीकरण में किसी एक कंपनी द्वारा दूसरी कंपनी को पूर्ण रूप से क्रय कर लिया जाता है तथा आपसी समझौते के अनुसार अथवा किसी उचित तरीके से निर्धारित किए गए क्रय प्रतिफल का भुगतान अंशों में या ऋणपत्रों में या नकदी में या इनमें से किसी एक या सभी रूप में किया जा सकता है । 

इस स्थिति में हस्तांतरक कंपनी की संपत्तियों एवं दायित्वों को हस्तांतरी कंपनी द्वारा ले लिया जाता है जिसके फलस्वरूप हस्तांतरक कंपनी का व्यवसाय बंद हो जाता है और हस्तांतरक कंपनी के अंशधारी हस्तांतरी कंपनी की पूंजी में कोई हित नहीं रखते ।

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