अधिवार्षिकी या सुपरएनुएशन फंड किसे कहते हैं ?
(Superannuation fund in Hindi)
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(Superannuation fund in Hindi) |
सुपरएनुएशन फंड वो फंड है जो कुछ नियोक्ताओं के द्वारा अपने कर्मचारियों को उनके अवकाश ग्रहण करने के बाद अथवा अवकाश ग्रहण करने से पूर्व कर्मचारी के कार्य करने में अयोग्य हो जाने पर अथवा उसकी मृत्यु के बाद उसके आश्रितों के जीवन यापन के लिए वार्षिकी देने के उद्देश्य से बनाया जाता है । साधारण भाषा में प्रॉविडेंट फंड और सुपरएनुएशन फंड में यह अंतर है कि प्रॉविडेंट फंड में प्रत्येक कर्मचारी का खाता अलग अलग होता है और वह कर्मचारी अवकाश ग्रहण पर एकमुश्त राशि प्राप्त करता है । जबकि सुपरएनुएशन फंड में प्रत्येक कर्मचारी की सम्पूर्ण राशि का एक सम्मिलित खाता रखा जाता है । जिसमें से कर्मचारी अवकाश ग्रहण के बाद एक निश्चित राशि (जो पेंशन के रूप में वार्षिक कहलाती है) प्राप्त करता रहता है । इस योजना के अंतर्गत भी प्रत्येक कर्मचारी के वेतन में से एक निश्चित राशि प्रति माह काटी जाती है और नियोक्ता द्वारा भी इसमें अंशदान जमा कराया जाता है । दोनों राशियों को फंड के नियमों के अनुसार विनियोजित किया जाता है तथा इस पर प्राप्त ब्याज को भी विनियोजित कर दिया जाता है ।
सुपरएनुएशन फंड के प्रकार (Types of Superannuation Fund)
आयकर के उद्देश्य से सुपरएनुएशन फंड दो प्रकार के होते हैं ।
1. अनुमोदित सुपरएनुएशन फंड :- जब इस फंड को आयकर कमिश्नर के द्वारा अनुमोदित करवा लिया जाता है तो उसे अनुमोदित सुपरएनुएशन फंड कहा जाता है ।कमिश्नर के द्वारा फंड का अनुमोदन आयकर अधिनियम की चौथी अनुसूची के भाग B में दिए गए नियमों के अंतर्गत किया जाता है ।
2. गैर - अनुमोदित सुपरएनुएशन फंड :- जब किसी सुपरएनुएशन फंड को आयकर कमिश्नर द्वारा मान्यता प्रदान नहीं की जाती है तो वह गैर - अनुमोदित सुपरएनुएशन फंड कहलाता है ।
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