ऋणपत्रों के प्रकार (Types of Debentures)

ऋणपत्रों के प्रकार
 (Types of Debentures) 

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Types of Debentures in Hindi


ऋणपत्र के प्रकारों को निम्न रूपों में वर्गीकृत किया जाता है। 


1. हस्तानान्तरणीयता या लेखा के आधार पर (On the basis of Negotiability or Transferability or Record) 
2. सुरक्षा के आधार पर (On the basis of Security) 
3. शोधन के आधार पर (On the basis of Redemption) 
4. परिवर्तनशीलता के आधार पर (On the basis of Convertibility) 
5. कूपन दर (ब्याज) के आधार पर [On the basis of Coupon Rate (Interest)]

विस्तार से..... 

1. हस्तानान्तरणीयता या लेखा के आधार पर (On the basis of Negotiability or Transferability or Record) 


• पंजीकृत ऋणपत्र (Registered Debentures) :- पंजीकृत ऋणपत्र वे ऋणपत्र हैं जो कंपनी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार निर्गमित किये जाते हैं और जिनकी प्रविष्टि कंपनी के ऋणपत्रधारियों के रजिस्टर की जाती है। इन ऋणपत्रों के मूलधन तथा उस पर देय ब्याज का भुगतान केवल कंपनी के पंजीकृत ऋणपत्रधारियों को ही दिया जाता है। 
• वाहक ऋणपत्र (Bearer Debentures) :- वाहक ऋणपत्र वे ऋणपत्र हैं, जिनकी प्रविष्टि कंपनी के ऋणपत्रधारियों के रजिस्टर में नहीं होती है । इन ऋणपत्रों का हस्तानांतरण केवल सुपुर्दगी से होता है। इन ऋणपत्रों के मूलधन तथा ब्याज का भुगतान उनके वाहक को दिया जाता है । वाहक ऋणपत्रों के साथ कूपन संलग्न होते हैं जिनको बैंक में प्रस्तुत करके वाहक बैंक से ब्याज की राशि प्राप्त कर लेता है । 

2. सुरक्षा के आधार पर (On the basis of Security) 


• सुरक्षित या बंधक सहित ऋणपत्र (Secured or Mortgaged Debentures) :- सुरक्षित या बंधक सहित ऋणपत्र वे ऋणपत्र हैं जो कंपनी की चल या अचल संपत्ति पर प्रभार द्वारा सुरक्षित होते हैं । यदि कंपनी ऋणपत्रधारियों को देय ब्याज या मूलधन के भुगतान में त्रुटि करती है तो ऋणपत्रधारी अपनी क्षतिपूर्ति की राशि को भार या बंधक पर रखी हुई संपत्ति के विक्रय के द्वारा प्राप्त कर सकते हैं । भारत में जितने भी ऋणपत्र निर्गमित किये जाते हैं कंपनी अधिनियम के अनुसार उन सभी ऋणपत्रों का रक्षित होना अनिवार्य है । 
• असुरक्षित या साधारण या नग्न ऋणपत्र (Unsecured or Simple or Naked Debentures) :- असुरक्षित या साधारण या नग्न ऋणपत्र वे ऋणपत्र हैं जिन पर देय ब्याज और मूलधन के लिए कंपनी की कोई प्रतिभूति प्रभारित नहीं होती है। यह केवल ऋण का प्रमाण - पत्र होता है। कंपनी के समापन के समय इन्हें साधारण लेनदार माना जाता है। इन ऋणपत्रों का प्रचलन अब नहीं है । 


3. शोधन के आधार पर (On the basis of Redemption)


• शोधनीय ऋणपत्र (Redeemable Debentures) :- शोधनीय ऋणपत्र वे ऋणपत्र हैं जिनका शोधन कंपनी के द्वारा निश्चित अवधि के बाद ऋणपत्रधारियों की मांग पर या उन्हें सूचना देकर किया जाता है। कंपनी अपने जीवन काल में इन सभी ऋणपत्रों का भुगतान कर देती है। वर्तमान समय में लगभग सभी कंपनियाँ शोधनीय ऋणपत्र ही निर्गमित करती हैं। 
• अशोध्य ऋणपत्र (Irredeemable Debentures) :- अशोध्य ऋणपत्र वे ऋणपत्र हैं जो केवल और केवल कंपनी के समापन के समय ही शोधनीय होते हैं। 

4. परिवर्तनशीलता के आधार पर (On the basis of Convertibility) 


• परिवर्तनशील ऋणपत्र (Convertible Debentures) :- परिवर्तनशील ऋणपत्र वे ऋणपत्र हैं जो ऋणपत्रधारी की इच्छा, ऋणपत्र की प्रकृति तथा ऋणपत्र निर्गमन की शर्तों के अनुसार एक निश्चित समय के बाद शोधित करके समता अंशों में या अन्य प्रतिभूतियों में परिवर्तित कर दिए जाते हैं। वर्तमान समय में इस तरह के ऋणपत्र अत्यधिक प्रचलित हैं। 

• अपरिवर्तनशील ऋणपत्र (Non - Convertible Debentures) :- अपरिवर्तनशील ऋणपत्र वे ऋणपत्र हैं जिनका शोधन समता अंशों के रूप में परिवर्तन द्वारा नहीं किया जाता है। 


5. कूपन दर (ब्याज) के आधार पर [On the basis of Coupon Rate (Interest)] 


• विशिष्ट कूपन दर ऋणपत्र (Specific Coupon Rate Debentures) :- विशिष्ट कूपन दर ऋणपत्र वे ऋणपत्र हैं जो पूर्व निर्धारित ब्याज दर, जिसे कूपन कहते हैं, पर निर्गमित किये जाते हैं। इन ऋणपत्रों पर ब्याज की दर निश्चित (Fixed) या चल (Floating) दोनों तरह की हो सकती है। 
• शून्य कूपन दर ऋणपत्र (बॉण्ड) [Zero Coupon Rate Debentures (Bond)] :- शून्य कूपन दर ऋणपत्र वे ऋणपत्र हैं, जिन ऋण पत्रों पर ब्याज की दर निश्चित नहीं होती है। ऐसे ऋण पत्रों का निर्गमन अत्यधिक कटौती पर किया जाता है। इस ऋणपत्र के निर्गमन मूल्य (Issue Price) तथा अंकित मूल्य (Nominal Value) का अंतर ऋणपत्रों की अवधि का ब्याज होता है। 

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