ऋण पत्र तथा अंश में अंतर
(Difference Between Debenture and Shares)
1. पूँजी की प्रकृति (Nature of Capital) :- ऋणपत्र कंपनी की उधार ली गई पूँजी होती है। जबकि अंश कंपनी की स्वामित्व वाली पूँजी होती है।
2. प्रतिफल (Consideration) :- ऋणपत्र की स्थिति में ऋणपत्र का प्रतिफल ब्याज होता है। जबकि अंश की स्थिति में अंश का प्रतिफल लाभांश होता है।
3. धारक की स्थिति (Situation of Bearer) :- ऋणपत्र के धारक कंपनी के लेनदार होते हैं । जबकि अंश के धारक कंपनी के मालिक (Owner) होते हैं।
4. शोधन (Redemption) :- ऋणपत्रों का शोधन ऋण पत्र निर्गमन की शर्तों के अनुसार किसी निश्चित समय पर कंपनी के जीवनकाल में कभी भी हो सकता है। जबकि अंश पूँजी को अंशधारकों को तभी वापस किया जाता है, जब कभी कंपनी का समापन होता है।
5. सुरक्षा (Security) :- ऋणपत्र साधारणतः सुरक्षित (Secured) होते हैं। जबकि अंश ऋण असुरक्षित (Unsecured) होते हैं।
6. परिवर्तनशीलता (Convertibility) :- ऋणपत्रों को निर्गमन की शर्तों के अनुसार निश्चित समय के बाद समता अंशों में परिवर्तित कर दिया है। जबकि अंशों को कभी भी अंशों में परिवर्तित नहीं किया जा सकता।
7. मताधिकार (Voting Rights) :- ऋणपत्रों के धारकों को कंपनी की सभाओं में मत देने का अधिकार नहीं होता है। जबकि अंशधारियों को कंपनी की सभाओं में मत देने का अधिकार होता है।
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