कुल आय का क्षेत्र या कर दायित्व (Scope of Total Income or Determination of Tax Liability)

कुल आय का क्षेत्र या कर दायित्व
 (Scope of Total Income or Determination of Tax Liability) 

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कुल आय का क्षेत्र या कर दायित्व

कर दायित्व का अर्थ (Meaning of  Tax Liability)


किसी करदाता के कर दायित्व से तात्पर्य निवासीय स्थिति के अनुसार कौन सी आय पर किसके द्वारा कर देना है उससे है । कर दायित्व, कुल आय का क्षेत्र अथवा कर भार ये सभी एक ही बात की तरफ संकेत करते हैं कि किसी करदाता को किस स्थिति में कितने कर का भुगतान करना है । 

• स्थान के आधार पर आय का उपार्जन या प्राप्त होना :- 

किसी भी करदाता को विभिन्न स्रोतों एवं उसके कार्य क्षेत्र के हिसाब से आय प्राप्त होता है । कुछ करदाताओं को भारत से तथा कुछ करदाताओं को भारत के बाहर से आय प्रात होता है । इसी के आधार पर इन आयों को भारतीय आय एवं विदेशी आयों की श्रेणियों में बाँटा जाता है। 

भारतीय आय :- किसी भी करदाता को यदि किसी भी स्रोत से आय भारत में उपार्जित या प्राप्त होती है या प्राप्त हुई समझी जाती है तो वह आय भारतीय आय के रूप में मानी जाती है । 

विदेशी आय :- जो आय भारत के बाहर से उपार्जित या प्राप्त होती है या प्राप्त हुई समझी जाती है तो उसे विदेशी आय कहा जाता है। 

• निवासीय स्थिति के आधार पर कर दायित्व :- 

किसी भी करदाता के कर दायित्व का निर्धारण करते समय निम्न बातों पर ध्यान दिया जाता है :- 

A. निवासी या साधारण निवासी की दशा में कर - दायित्व :- किसी भी निवासी या साधारण निवासी करदाता के लिए उस सारे आय पर कर देना पड़ेगा ... 

 1. जो आय करदाता के द्वारा गत वर्ष में भारत में प्राप्त हुई या प्राप्त हुई समझी जाय :- आय के भारत में प्राप्त होने से तात्पर्य है कि आय का भारत में स्थापित किसी व्यवसाय से प्राप्त होने से है । जैसे :- दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में स्थापित कंपनियों से प्राप्त आय। प्राप्त हुई समझी गई आय (Deemed Income) से तात्पर्य कंपनियों के द्वारा घोषित लाभांश से है। इसके अनुसार कोई कंपनी जिस वर्ष लाभांश घोषित करती है उसी वर्ष उसको प्राप्त हुई समझी गई आय माना जाता है । 
 
2. जो आय करदाता के द्वारा गत वर्ष में भारत में उपार्जित या उपार्जित हुई हुई समझी जाय :- आय के भारत में उपार्जित होने से तात्पर्य भारत में व्यवसाय या नौकरी करके आय कमाने से है । भले ही यह आय विदेश में प्राप्त हो । किसी विदेशी कंपनी के कर्मचारी के द्वारा भारत में आय कामाना भारत में उपार्जन कहा जाता है । भारत में उपार्जित हुई समझी गई आय से तात्पर्य किसी भारतीय कंपनी के द्वारा भारत से बाहर दिए गए लाभांश से है। 

 3. यदि कोई निवासी या साधारण निवासी है और विदेश में कोई कोई मकान संपत्ति है और उसे उस मकान संपत्ति से कोई आय प्राप्त होती है तो उस आय को कर दायित्व के निर्धारण के समय उसकी आय में शामिल किया जाता है । 

B. साधारण अनिवासी की दशा में कर निर्धारण :- किसी असाधारण निवासी की निम्न आयें उसकी कुल आय में सम्मिलित की जाती हैं :-

1. गत वर्ष में करदाता को या उसके किसी अधिकृत व्यक्ति को भारत में प्राप्त हुई या प्राप्त हुई समझी गई आय। 
2. गत वर्ष में भारत में उपार्जित अथवा उपार्जित हुई समझी गई आय । 
3. गत वर्ष में भारत के बाहर उपार्जित हुई व्यापार से आय । यदि उस व्यापार का नियंत्रण भारत से होता हो अथवा किसी पेशे से संबंधित हो तथा जो भारत में स्थापित हो । 

C. अनिवासी की दशा में कर दायित्व :- किसी अनिवासी की निम्न आयें उसकी कुल आय में सम्मिलित की जाती हैं :-

1. अनिवासी करदाता को अथवा उसके द्वारा अधिकृत व्यक्ति को भारत में प्राप्त हुई या प्राप्त हुई समझी गई आय। 
2. गत वर्ष में भारत में उपार्जित अथवा उपार्जित हुई समझी गई आय। 

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