भारत में उपार्जित अथवा उदय हुई तथा उपार्जित अथवा उदय हुई समझी गई आय
(Income Accrued or arisen and deemed to accrue or arise in India)
1. भारत में उपार्जित अथवा उदय हुई आय (Income Accrued or arisen in India)
भारतीय आयकर अधिनियम के अनुसार कर निर्धारिति (Assessee) द्वारा प्राप्त आय के अलावा निर्धारिति (Assessee) के द्वारा अर्जित या उपार्जित आय पर भी कर लगाया जाता है।
आय के उपार्जन या उदय होने से आशय यह है कि जब कोई करदाता आय प्राप्त करने का अधिकार तो प्राप्त कर लेता है, लेकिन आय की वास्तविक उसे उस गत वर्ष के बाद प्राप्त होती है । आय की ऐसी प्राप्ति यदि गत वर्ष के बाद भी होती है तो भी आय का उपार्जन या उदय होना उसी संबंधित गत वर्ष में माना जायेगा। जब कभी भी आय के उपार्जन की बात की जाती है तो तो इस स्थिति में मायने नहीं रखता कि आय किस स्थान से प्राप्त हुई थी ।
व्यवसाय के अनुसार आय का उपार्जित होना उस स्थान पर माना जाता है जहाँ माल का विक्रय किया जाता है। इसका विक्रय के लेन - देन के नियंत्रण व निर्देशन से कोई संबंध नहीं है। जैसे, यदि माल भारत के बाहर से खरीदकर भारत में बेचा जाता है तो संपूर्ण आय भारत में उपार्जित होगी। यदि माल विक्रय के लेन - देन का नियंत्रण भारत से किया जाता है, लेकिन बिक्री भारत के बाहर ही की जाती है तो आय का उपार्जन भारत के बाहर होगा।
2. भारत में उपार्जित अथवा उदय हुई समझी गई आय (Income deemed to accrue or arise in India)
कुछ आयें ऐसी भी हैं जो भारत में उपार्जित अथवा उदय नहीं होतीं, लेकिन आयकर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार उन्हें भारत में उपार्जित अथवा उदय हुआ मान लिया जाता है । इस तरह की आयें कुछ निम्न होती हैं :-
• वे समस्त आयें जो भारत में किसी व्यावसायिक संबंध के माध्यम से उपार्जित अथवा उदय हुई हो :- आयकर अधिनियम के अनुसार यदि कोई अनिवासी भारत में ऐसी क्रियाएँ करता है जिससे लाभ या प्रप्तियाँ होती हैं तो ये क्रियाएँ व्यावसायिक संबंध के अंतर्गत आती हैं।
• भारत में किसी चल अथवा अचल संपत्ति से आय :- किसी अनिवासी के द्वारा उसके भारत में स्थित किसी मकान, जमीन, गाड़ी, किसी मशीन जैसी समस्त चल तथा अचल संपतियों से प्राप्त किराया या आय भारत के बाहर प्राप्त करता है तो इसे भारत में ही उपार्जित या उदय हुआ माना जायेगा।
• भारत में आय स्रोतों से प्राप्त होने वाली आय :- किसी कंपनी द्वारा भारत में किए जा रहे व्यापार आ कमाए गए लाभों में से कोई अनिवासी लाभांश प्राप्त करता है तो उसे भारत में ही उपार्जित आय मानेंगे।
• भारत में स्थित पूंजी संपत्ति के हस्तानान्तरण से होने वाला पूँजी लाभ :-
(i) चल तथा अचल दोनों प्रकार की संपत्तियाँ हस्तानान्तरण के समय भारत में होनी चाहिए।
(ii) संपत्ति की बिक्री का अनुबंध या विक्रय मूल्य का भुगतान किसी भी स्थान पर हो सकता है ।
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