किसी फर्म, व्यक्तियों के समूह तथा कंपनी का निवास स्थान
Residential Status of Firm, Company. AOP & BOI
1. किसी फर्म तथा व्यक्तियों के समूह का निवास स्थान :-
आयकर अधिनियम के अनुसार फर्म तथा व्यक्तियों के समूहों के निवासीय स्थिति का निर्धारण व्यक्ति एवं हिन्दू अविभाजित परिवार की अपेक्षा अलग तरीके से किया जाता है । इसके अंतर्गत किसी भी फर्म तथा व्यक्तियों के समूह का निर्धारण करते समय केवल इनके निवासी और अनिवासी होने की बात की जाती है न कि इसके साथ साधारण निवासी एवं अनिवासी की । अधिनियम के अनुसार किसी भी फर्म तथा व्यक्तियों के समूह का निर्धारण प्रस्तुत शर्त को ध्यान में रखकर किया जाता है । जो निम्न है :-
किसी फर्म तथा व्यक्तियों के समूह का निवासी एवं अनिवासी होना :-
• गत वर्ष में फर्म तथा व्यक्तियों के समूह का नियंत्रण एवं प्रबंधन पूर्ण या आंशिक रूप से भारत से किया जाता है या भारत में रहकर किया जाता है तो वह फर्म तथा व्यक्तियों के समूह निवासी कहा जाता है, इसके अतिरिक्त यदि फर्म तथा व्यक्तियों के समूह का नियंत्रण पूर्ण रूप से भारत के बाहर से किया जाता है तो उसे अनिवासी कहा जाता है ।
2. किसी कंपनी का निवास स्थान :-
कंपनी में भी ठीक किसी फर्म तथा व्यक्तियों के समूह की तरह ही निवासीय स्थिति का निर्धारण किया जाता है ।
कंपनी का निवासी होना :- भारतीय आयकर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार सारी भारतीय कंपनियाँ निवासी होती हैं । लेकिन किसी विदेशी कंपनी के निवासी बनने के लिए उस विदेशी कंपनी का प्रभावी प्रबंध का स्थान भारत में रहा होना सुनिश्चित करना होता है ।
कंपनी का अनिवासी होना :- भारतीय आयकर अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार वह कंपनियाँ अनिवासी होती हैं,
• जो भारतीय कंपनियाँ नहीं हैं । अथवा
• जिनका नियंत्रण एवं प्रबंधन पूर्णतः अथवा आंशिक रूप से भारत के बाहर है ।
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