कृषि से आय किसे कहते हैं ?
(Income from Agriculture)
कृषि से प्राप्त भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 10(1) के अनुसार आयकर से मुक्त है, अर्थात कृषि से आय पर आयकर नहीं लगता। लेकिन जो आय कृषि आय नहीं है बल्कि कृषि आय की तरह है या कृषि से जुड़ी हुई है तो उन आयों पर कर लगता है। उन्हीं आयों को कृषि आय से अलग करने के लिए कृषि आय की गणना की जाती है।
आयकर अधिनियम की धारा 2(1A) के अनुसार कृषि आय :-
1. आयकर अधिनियम की धारा 2(1A) के अनुसार वह आय कृषि आय है जो किराया या आगम (Revenue) के रूप में भारत में स्थित कृषि योग्य भूमि से प्राप्त होती है और वह भूमि कृषि कार्य के लिए उपयोग में लाई जा रही हो तथा वह कृषि योग्य भूमि भारत में स्थित हो ।
साधारण भाषा में समझा जाय तो कहा जा सकता है कि भारत में जिनके पास खेती करने योग्य भूमि होती है वे अपनी भूमि को खेती करने के लिए अन्य व्यक्तियों को दे देते हैं और उनसे निश्चित समय पर निश्चित धन या लगान लेते हैं । आयकर अधिनियम में इस आय को कृषि आय माना गया है।
2. आयकर अधिनियम की धारा 2(1A) के अनुसार वह भूमि जो कृषि कार्य के लिए उपयोग में लाई जाती है । ऐसी भूमि से कृषि कार्य करने से जो आय प्राप्त होता है वह कृषि आय के अंतर्गत आता है । कृषि कार्य की बात की जाय तो इसमें निम्न बातें समझने योग्य हैं :-
• किसी किसान या लगान के द्वारा कृषि उपज को बाजार ले जाने योग्य बनाने के लिए किये गए कार्य कृषि कार्य कहलाते हैं। इन क्रियाओं से प्राप्त आय को कृषि आय माना जाता है । जैसे :- तंबाकू की पत्तियों को सुखाकर बाजार में बेचने का कार्य करना।
• किसी किसान या किसी किराया अथवा लगान प्राप्तकर्ता द्वारा उत्पादित या प्राप्त उपज को बाजार में बेचने से प्राप्त आय कृषि आय माना जाता है । जैसे :- किसान के द्वारा मंडी में गेहूं एवं धान बेचा जाना।
3. कृषि भवन या फार्म हाउस (Farm House) से प्राप्त आय कृषि आय के अंतर्गत आता है। कृषि भवन से प्राप्त आय की गणना एवं कृषि भवन से प्राप्त आय को समझने के लिए निम्न बिंदुओं को समझना अतीव आवश्यक है ।
• यह कृषि भवन या फार्म हाउस उस भूमि पर अथवा उसके बिल्कुल निकट स्थापित होना चाहिए जो भारत में स्थित है तथा कृषि कार्यों में प्रयोग किया जाता है ।
• यह फार्म हाउस किसान या किराया प्राप्त करने वाले व्यक्ति के कब्जे (अधिकार) में होना चाहिए।
• इस भूमि पर भू - राजस्व (Land Revenue) लगता हो या सरकार द्वारा स्थानीय कर वसूल किया जाता हो।
यदि किसी भूमि पर भू - राजस्व कर नहीं लगता है तो इसको गैर - शहरी क्षेत्र में स्थित होना आवश्यक है। कोई ऐसी भूमि जो यद्यपि नगरपालिका, नगर निगम अथवा छावनी बोर्ड (Cantonment Board) के क्षेत्र में स्थित है, निम्नांकित शर्तों के पूरा होने पर ही गैर - शहरी क्षेत्र में स्थित मानी जायेगी :-
(a) उस क्षेत्र की आबादी 10,000 से कम है अर्थात उस भूमि को अधिकतम 10,000 तक आबादी वाले क्षेत्र में स्थित होना चाहिए ।
(b) ऐसी भूमि को ऐसे नगर निगम या छावनी बोर्ड की स्थानीय सीमाओं से अधिसूचित दूरी से अधिक पर स्थित होना चाहिए।
4. नर्सरी से आय :- नर्सरी में उगाये गए पौधों से प्राप्त आय की गणना कृषि आय के अंतर्गत की जाती है ।
कृषि आय के आवश्यक लक्षण या तत्व (Essential Feature of Agriculture Income)
1. कृषि आय प्रत्यक्ष रूप से भूमि से प्राप्त होनी चाहिए।
2. भूमि भारत में स्थित होनी चाहिए।
3. भूमि खेती के रूप में प्रयोग होनी चाहिए।
4. भूमि में हित
5. भूमि के साथ मात्र कुछ संबंध होना ही कृषि आय के लिए पर्याप्त नहीं है ।
6. नर्सरी से संबंधित आय
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