एक व्यक्ति की निवासीय स्थिति
Residential Status of an Individuals
किसी करदाता की निवासीय स्थिति का निर्धारण करने से पूर्व निवासीय स्थिति क्या होती है इसको जानना अति आवश्यक है ।
करदाता एवं करदाता की निवासीय स्थिति का अर्थ (Meaning of Assessees & Residential Status of Assessees)
जो व्यक्ति , हिन्दू अविभाजित परिवार या संस्था भारतीय आयकर अधिनियम के कर देने के दायरे में आता है उसे करदाता कहा जाता है । करदाता की परिभाषा अधिनियम की धारा 2(7) में दी गई है। करदाता के निवासीय स्थिति की बात की जाय तो यह समझना चाहिए कि करदाता के निवास स्थान को ही उसकी निवासीय स्थिति कहा जाता है। आयकर अधिनियम के अनुसार किसी करदाता की निवासीय स्थिति उसके गत वर्ष (Previous Year) में भारत में रहने की अवधि पर निर्भर करती है । यह अवधि उस करदाता के भारत में न रहने की स्थिति पर बदल भी सकती है । जब करदाता के निवास स्थान की गणना की जाती है तो उस करदाता की राष्ट्रीयता एवं नागरिकता से कोई संबंध नहीं रखा जाता है।
निवास स्थान के आधार पर करदाता (Assessees on the Basis of Residence)
करदाता के निवास स्थान की गणना के लिए निम्न करदाताओं के निवासीय स्थिति को समझना जरूरी है :-
1. किसी व्यक्ति का निवास स्थान (Residential Status of an Individuals)
2. किसी हिन्दू अविभाजित परिवार का निवास स्थान
3. किसी फर्म, व्यक्तियों के समूह तथा कंपनी का निवास स्थान
1. किसी व्यक्ति का निवास स्थान (Residential Status of an Individuals):- किसी व्यक्ति के निवासीय स्थिति के निर्धारण संबंधी निम्न बातें हैं :-
किसी व्यक्ति की निवासीय स्थिति की गणना के लिए व्यक्ति को दो श्रेणियों में रखा जाता है।
• निवासी (Resident)
• अनिवासी (Non - Resident)
किसी निवासी को दो भागों में बाँटा जाता है :-
(a) साधारण निवासी (Ordinary Resident)
(b) असाधारण निवासी (Not Ordinary Resident)
व्यक्ति का निवासी होना :-
किसी भी व्यक्ति के निवासी होने की शर्तें:- आयकर अधिनियम की धारा 6(i) के अनुसार किसी भी व्यक्ति को भारत का निवासी तभी माना जायेगा, जब वह व्यक्ति निम्न में से किसी एक शर्त को पूरा करे :-
1. वह व्यक्ति संबंधित गत वर्ष में भारत में कुल मिलाकर 182 दिन या उससे अधिक रहा हो, अथवा
2. वह व्यक्ति संबंधित गत वर्ष में भी कुल मिलाकर कम से कम 60 दिन या उससे अधिक भारत में रहा हो । तथा,
गत वर्ष से पूर्व के चार वर्षों में कुल मिलाकर कम से कम 365 दिन भारत में रहा हो ।
नोट :- कोई व्यक्ति अगर उपरोक्त दोनों शर्तों में से किसी एक शर्त को भी पूरा कर लेता है तो वह निवासी कहा जाता है तथा किसी भी शर्त को नहीं पूरा करता है तो अनिवासी कहा जाता है ।
अपवाद (Exception) :- उपरोक्त के अनुसार कोई व्यक्ति निवासी तब कहा जाता है जब वह गत वर्ष में भारत में 182 दिन या उससे अधिक रहा हो, इसके अलावा कोई व्यक्ति यदि संबंधित गत वर्ष में 60 दिन या उससे ज्यादा (182 दिन से कम) उपरोक्त दूसरी शर्त के अनुसार (गत वर्ष से पूर्व के चार वर्षों में कुल मिलाकर कम से कम 365 दिन) भारत में रहा हो तो भी वह निवासी कहा जायेगा ।
अपवाद के अनुसार निम्न शर्तों में यदि कोई व्यक्ति केवल पहली (182 दिन या उससे ज्यादा) शर्त को भी पूरा कर लेता है तो वह निवासी कहा जायेगा।
• कोई भारतीय निवासी गत वर्ष में रोजगार के लिए विदेश गया हो ।
• कोई भारतीय नागरिक गत वर्ष में किसी भारतीय जहाज के कर्मचारी के रूप में भारत से बाहर गया हो।
• यदि करदाता भारतीय नागरिक है तथा भारतीय मूल का व्यक्ति है एवं विदेश में रह रहा है, पिछले वर्ष में किसी भी कार्य से भारत भ्रमण के लिए आता है तथा उसकी कुल आय ₹15 लाख तक है । यदि उस करदाता की कुल आय ₹15 लाख से अधिक है तो वह निवासी उस शर्त में माना जायेगा कि वह व्यक्ति संबंधित गत वर्ष में भी कुल मिलाकर कम से कम 120 दिन या अधिक भारत में रहा हो तथा,
गत वर्ष से पूर्व के 4 वर्षों में कुल मिलाकर कम से कम 365 दिन भारत में रहा हो ।
व्यक्ति का साधारण निवासी या असाधारण निवासी होना :- भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 6(6) के अनुसार यदि कोई निवासी (जो उपर पढ़ा गया है) निम्न दो शर्तों को पूरा कर कर लेता है तो वह निवासी साधारण निवासी कहा जायेगा अन्यथा असाधारण निवासी कहा जायेगा :-
1. वह व्यक्ति पिछले 10 गत वर्षों में 2 या उससे अधिक वर्षों तक भारत का निवासी रहा हो।
तथा
2. वह व्यक्ति पिछले 7 गत वर्षों में 730 या उससे अधिक दिनों तक भारत में रहा हो या ठहरा हो ।
नोट :- उपरोक्त दोनों शर्तों को पूरा करने के बाद कोई निवासी साधारण निवासी बन जाता है अन्यथा असाधारण निवासी कहा जाता है ।
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