अंशतः कृषि आय किसे कहते हैं ? (Partial Agricultural Income)

अंशतः कृषि आय किसे कहते हैं ?
Partial Agricultural Income

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Partial Agricultural Income


अंशतः कृषि आय का अर्थ (Meaning of Partial Agriculture Income)  


जब कोई व्यक्ति जो व्यवसायी हो अथवा संस्था या निर्माता कृषि भूमि पर उत्पादित कृषि उपज का प्रयोग स्वयं कुल माल निर्मित करने कच्चे माल (Raw Material) के रूप में करता है और उस निर्मित माल को बाजार में विक्रय करके आय प्राप्त करता है, तो इस आय का एक भाग कृषि आय तथा शेष भाग गैर कृषि आय के रूप में माना जाता है। 

अंशतः कृषि आय संबंधी प्रावधान (Provision related to Partial Agricultural Income) 

1. चाय के अतिरिक्त कृषि उत्पादों को कच्चे माल के रूप में प्रयोग करने वाले निर्माणकर्ताओं की आय [नियम 7] :- यह नियम चाय निर्माणकर्ताओं के अतिरिक्त अन्य सभी निर्माणकर्ताओं पर लगता है। जैसे चीनी के कारखानों, वनस्पति, घी, आटा, तेल तथा ऐसे अन्य निर्माणकर्ताओं पर लगता है जो अपने माल का निर्माण स्वयं के उगाए गए कृषि उत्पादों का प्रयोग करके करते हैं और उनका विक्रय करते हैं। ऐसे निर्माताओं की कुल आय में कुछ कृषि आय का तत्व एवं कुछ गैर कृषि आय का तत्व रहता है । इस नियम के अनुसार कृषि उपज का बाजार मूल्य या विक्रय मूल्य ही कृषि आय होती है और इस बाजार मूल्य को कुल विक्रय मूल्य में से घटा देने पर गैर - कृषि आय (कर - योग्य आय) बचती है। लेकिन इस संबंध में खेती करने का कोई भी खर्चा नहीं घटाया जाता है। 

कृषि आय = कृषि उपज का बाजार मूल्य (उपज को बाजार में न बेचने की दशा में निम्नलिखित तीन का योग ही उस उपज का बाजार मूल्य होगा) 

• कृषि से संबंधित व्यय
• भूमि का किराया 
• उचित लाभ का अंश 

गैर - कृषि आय = कुल विक्रय मूल्य - कृषि उपज का बाजार मूल्य 

नोट :- बाजार मूल्य - यदि उस कृषि उपज की साधारणतया बाजार में बिक्री की जाती है तो गत वर्ष में उस उपज के औसत विक्रय मूल्य को बाजार मूल्य माना जाता है । 

2. कृषि उपज को लगान या किराये के रूप में प्राप्त करके उसे कच्चे माल में प्रयोग करने वाले निर्माणकर्ताओं की आय। 

3. चाय जी उत्पादन एवं निर्माण से आय [नियम 8] :- भारतीय आयकर अधिनियम के अनुसार भारत में उत्पादित एवं निर्मित चाय के विक्रय में भी कृषि आय का अंश होता है। जिसमें :-
• 60% कृषि आय और
• 40% गैर कृषि आय 
माना जाता है। 60% कृषि आय पूर्णतः कर मुक्त होता है तथा 40% गैर कृषि आय ' व्यापार अथवा पेशे से आय ' शीर्षक में कर - योग्य होता है। चाय की खेती में बिना की अन्य कोशिश के केवल चाय की पत्ती को बेचा जाता है तो उससे होने वाली आय 100% कृषि आय मानी जाती है। 

4. रबर के उत्पादन से आय [नियम 7A] :- रबर के उत्पादन व विक्रय से प्राप्त आय का 65% भाग कृषि आय तथा शेष 35% भाग कृषि आय माना जाता है। 65% कृषि आय पूर्णतः कर मुक्त होता है तथा 35% गैर कृषि आय ' व्यापार अथवा पेशे से आय ' शीर्षक में कर - योग्य होता है । रबर बोर्ड के द्वारा उत्पादक को यदि कोई अनुदान प्राप्त होता है तो उसे उत्पादन लागत से घटाया नहीं जायेगा। 

5. कॉफी के उत्पादन एवं निर्माण से आय [नियम 7B] :- कॉफी के उत्पादन एवं निर्माण से जुड़े दो प्रकार प्रावधान होते हैं :-

(a) ऐसे करदाता जो भारत में कॉफी के उत्पादन एवं निर्माण का व्यापार करते हैं उन करदाताओं के कॉफी के उत्पादन एवं निर्माण व्यापार से आय का 75% भाग कृषि आय तथा शेष 25% भाग गैर - कृषि आय माना जाता है। 75% कृषि आय पूर्णतः कर मुक्त होता है तथा 25% गैर कृषि आय ' व्यापार अथवा पेशे से आय ' शीर्षक में कर - योग्य होता है।

(b) जो करदाता भारत में कॉफी का उत्पादन, निर्माण करके उसे भूनना या तपाना (roasting), पीसना (grounding) आदि क्रियाएँ करके उसका विक्रय करते हैं तो इस आय का :-
• 60% कृषि आय और
• 40% गैर कृषि आय 
माना जायेगा। इस अवस्था में अनुदान (Subsidy) को लागत से कभी भी घटाया नहीं जायेगा। 60% कृषि आय पूर्णतः कर मुक्त होता है तथा 40% गैर कृषि आय ' व्यापार अथवा पेशे से आय ' शीर्षक में कर - योग्य होता है।


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