साझेदारी फर्म का अंकेक्षण हिंदी में (Audit of Partnership Firm in Hindi)

साझेदारी फर्म का अंकेक्षण हिंदी में 
Audit of Partnership Firm in Hindi 

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Audit of Partnership Firm in Hindi 

साझेदारी व्यवसाय में अंकेक्षण एकाकी व्यवसाय की तरह ही होता है इसमें भी अंकेक्षक की नियुक्ति एवं उसका निष्कासन एकाकी व्यवसाय की तरह ही की जाती है । अंकेक्षक को पारिश्रमिक, अंकेक्षक के अधिकार, अंकेक्षक के दायित्व आदि सभी क्रियाकलाप एकाकी व्यवसाय की तरह किए जाते हैं ।

साझेदारी व्यवसाय में अंकेक्षक की नियुक्ति (Appointment of Auditor in Partnership Firm)


साझेदारी व्यवसाय के लिए भी एकाकी व्यवसाय की तरह अंकेक्षक की नियुक्ति का कोई विशेष प्रावधान नहीं है । अतः एकाकी व्यवसाय की तरह इसमें भी अंकेक्षक की नियुक्ति अंकेक्षक एवं साझेदारों के बीच समझौते के आधार पर की जाती है । अंकेक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया में यदि साझेदारी संलेख (Partnership Deed) में कोई प्रावधान दिया गया है तो उसी प्रावधान का अनुसरण करते हुए अंकेक्षक की नियुक्ति की जाती है । जब अंकेक्षक की नियुक्ति की जाती है तभी उसके कार्यक्षेत्र का भी निर्धारण कर लिया जाता है ।


साझेदारी व्यवसाय में अंकेक्षक का पारिश्रमिक (Remuneration of Auditor in Partnership Firm)

साझेदारी व्यवसाय में अंकेक्षक के पारिश्रमिक का निर्धारण साझेदारी संलेख (Paetnership Deed) पर होता है । यदि साझेदारी संलेख में अंकेक्षक के पारिश्रमिक का कोई प्रावधान नहीं होता है तो अंकेक्षक के पारिश्रमिक का निर्धारण साझेदारों एवं अंकेक्षक के बीच समझौते के आधार पर होता है ।


साझेदारी व्यवसाय में अंकेक्षक का कर्तव्य (Rights of Auditor in Partnership Firm)

1. पारिश्रमिक पाने का अधिकार 
2. लेखा पुस्तकों की जांच का अधिकार 
3. साझेदारी संलेख के अध्ययन का अधिकार 
4. संबंधित व्यक्तियों से पत्राचार का अधिकार 
5. फर्म के संबंधित अधिकारियों, व्यक्तियों व कर्मचारियों से किसी तथ्य का स्पष्टीकरण का अधिकार 

साझेदारी व्यवसाय में अंकेक्षक का दायित्व (Duties of Auditor in Partnership Firm)

1. अंकेक्षण संबंधी कार्यक्षेत्र की जानकारी जानकारी प्राप्त करना चाहिए ।
2. अंकेक्षक को साझेदारी संलेख का विधिवत अध्ययन करना चाहिए ।
3. अंकेक्षक को फर्म के कर्मचारियों व अधिकारियों का नाम तथा पता प्रात करना चाहिए ।
4. अंकेक्षक को अंकेक्षण संबंधी कार्य का संपादन पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए ।
5. अंकेक्षक को अंकेक्षण कार्य की समाप्ति पर अपने हस्ताक्षर के साथ भली प्रकार से जांच के बाद ही प्रतिवेदन (Audit Report) देना चाहिए ।
6. अंकेक्षक को साझेदारों के द्वारा सुझाव या परामर्श मांगे जाने पर उन्हें उनके व्यवसाय से संबंधित उचित सुझाव देना चाहिए ।
7. अंकेक्षक को फर्म से संबंधित दस्तावेजों एवं बातों को गोपनीय रखना चाहिए ।

साझेदारी व्यवसाय में अंकेक्षक का निष्कासन (Removal of Auditor in Partnership Firm)

साझेदारी व्यवसाय में अंकेक्षक का निष्कासन साझेदारी संलेख (Paetnership Deed) के आधार पर होता है । यदि साझेदारी संलेख में अंकेक्षक के पारिश्रमिक का कोई प्रावधान नहीं होता है, अंकेक्षक को नियुक्ति की शर्तों अथवा साझेदारों की इच्छा के अनुकूल कभी भी निष्कासित किया जा सकता है । जब अंकेक्षक का निष्कासन होगा तो नया अंकेक्षक संस्था के संबंध में पुराने अंकेक्षक से बातचीत करता है ।

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